Rajasthan News: पूरे राजस्थान में उदयपुर में हुए सेकंड ग्रेड आरपीएससी के पेपर लीक को लेकर घमासान मचा हुआ है. हर कोई सिस्टम और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, उदयपुर में चल रहे पेपर लीक का मामला अब जयपुर पहुंच चुका है. जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने 6 लोगों को देश के कई बड़े शहरों में स्थित विश्वविद्यालयों के फर्जी अंक तालिका और डिग्री के साथ गिरफ्तार किया है.
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Rajasthan News: राजस्थान में उदयपुर में हुए सेकंड ग्रेड आरपीएससी के पेपर लीक को लेकर हड़कंप मचा हुआ है.गिरफ्तार सभी छह लोग पेपर लीक प्रकरण के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण के परिवार के सदस्य और एक उसकी गर्लफ्रेंड है. अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार परिवार के सदस्यों ने बताया कि यह डिग्री वह 10 हजार से 5 लाख रुपए तक में बेचा करते थे. जयपुर पुलिस भी इन फर्जी डिग्री को देखकर हैरान रह गई. घर पर बन रही इन फर्जी डिग्रियों से यह बदमाश लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे थे.
पुलिस अब तक पेपर लीक मामले में 61 लोगों की इस केस में गिरफ्तारी कर चुकी है. गिरफ्तार इन सभी छह लोगों ने लघु उद्योग की तरह फर्जी डिग्री बेचने का धंधा चला रखा था. इन बदमाशों के पास जम्मू कश्मीर से लेकर राजस्थान तक कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की डिग्री मिली. पुलिस ने आज पकड़े सभी 6 आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश कर रिमांड पर लिया.
यूपी की तर्ज पर अब राजस्थान पुलिस पेपर लीक करने वाले नकल माफियाओं के खिलाफ एक्शन की तैयारी में है.उदयपुर में हुए पूरे गिरोह के भंडाफोड़ के बाद अब राजस्थान में फर्जी डिग्री के एक गिरोह का भी पर्दाफाश हुआ है.उदयपुर पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के परिवार और उसकी गर्लफ्रेंड के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने इस साफ तौर पर राज्य सरकार के इरादे जता दिए हैं.
बड़ा खुलासाः घरों से 10 से 12 बोरी फर्जी डिग्रियां बरामद, 10 हजार से 5 लाख रुपए तक में बिकती थी ये डिग्री, जयपुर कमिश्नरेट की गिरफ्त में 6 बड़े सरगना pic.twitter.com/rpACPgfm1T
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) December 29, 2022
पुलिस किसी भी सूरत में इन नकल माफियाओं को बख्शने के मूड में नहीं है. नकल माफियाओं की संपत्ति कुर्क की जाएगी. पूरे परिवार पर भी शिकंजा कसा जाएगा. लिहाजा उदयपुर पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के अड्डों पर जब पुलिस का सर्च चला तो बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ. पेपर लीक ही नहीं बल्कि देश में फर्जी डिग्री बनाने का नेटवर्क भी चल रहा है, और इस नेटवर्क में भूपेंद्र सारण ही नहीं उसका परिवार उसकी गर्लफ्रेंड भी लिप्त है. लिहाजा पुलिस ने सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
गिरफ्तार हुए इन 6 आरोपियों के पास से जो फर्जी डिग्री-सर्टिफिकेट पुलिस को मिली. पुलिस उसे देख कर ही हैरान हो गई. पुलिस के पास जो असली डिग्री थी उसी के तरह दिखाई दे रही थी फर्जी डिग्री. कुछ समय तो पुलिस को भी समझ नहीं आया कि असली कौन सी है नकली कौनसी. असली डिग्री और मार्कशीट की हूबहू कॉपी है. एक बार देखने से कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता की फर्जी डिग्री और असली डिग्री में क्या फर्क है.
वंदिता राणा, डीसीपी वेस्ट, जयपुर ने बताया कि बदमाशों के पास से पुलिस को जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, यूपी, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से जुड़े विश्वविद्यालय कि कई फर्जी डिग्री और मार्कशीट मिली. जांच अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों घरों से 10 से 12 बोरी फर्जी डिग्री की मिली हैं. कुछ डिग्री ऐसी मिली है जिस में नाम,फोटो, सील, मोहर,साइन सब कुछ किया हुआ हैं. इन फर्जी डिग्री को पुलिस ने सील कर लिए हैं.
जयपुर कमिश्रनेट पुलिस का कहना है कि जिन लोगों ने इन बदमाशों को डिग्री बनाने के लिए पैसा दिया है उन लोगों की पुलिस एक सूची बना रही है. दोनों ही घरों से मिले फर्जी डिग्रियों से पुलिस को इन लोगों की जानकारी मिल चुकी है. पुलिस इन फर्जी लोगों को भी इस प्रकरण में गिरफ्तार करेगी. क्योंकि यह लोग इन फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल सरकारी सेवा या यूनिवर्सिटी में आगे बढ़ने के लिए करने वाले थे.
यह लोग जानते थे कि वह एक फर्जी डिग्रियां खरीद रहे हैं ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में आता है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि डिग्रियों का पैसा फिक्स नहीं था 10 हजार से लेकर 5 लाख तक डिग्री और मार्कशीट का चार्ज लिया जाता था. सामने वाले की आवश्यकता सुनने के बाद यह निर्णय लिया जाता था कि उससे कितना पैसा चार्ज करना है. आरोपियों ने बताया कि फर्जी डिग्री के लिए लो मुंह मांगा पैसा दे दिया करते थे. हर किसी को फर्जी डिग्री की जरूरत थी.
पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि उदयपुर पेपर लीक मामला कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामला समेत अन्य मामलों में भूपेंद्र सारण सरगना रहा है. भूपेंद्र अपने परिवार के मार्फत यह अपने घिनौने काम का नेटवर्क चला रहा था. इस नेटवर्क में भूपेंद्र सारण में अपनी गर्लफ्रेंड प्रियंका बिश्नोई को भी शामिल किया. भूपेंद्र खुद कई मामलों में वांटेड था. लिहाजा गर्लफ्रेंड अंडर ग्राउंड रहने वाले भूपेंद्र के इशारे पर फर्जी डिग्री या बेचकर सरकारी नौकरी लगाने और खुद भी लगने का प्रयास कर रही थी.
सरकारी कर्मचारी भी आ सकते हैं, पुलिस के रडार में
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से अब तक जिन लोगों को डिग्री और सर्टिफिकेट दिए गए हैं उनकी डिटेल खंगाल रही है. पुलिस का दावा है कि इन फर्जी डिग्रियों और सर्टिफिकेट से कई लोग सरकारी महकमे में नौकरी पर लगे हैं. यही नहीं कुछ लोग तो केवल प्रमोशन के लिए फर्जी डिग्रियां लेकर भी गए हैं. पुलिस अब ऐसे सरकारी कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसने वाली है.