Dungarpur News: प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना को लेकर टीएडी विभाग की बड़ी लापरवाही व अनदेखी सामने आई है. डूंगरपुर जिले की झोथरी पंचायत समिति की सांसरपुर पंचायत क्षेत्र में राज्य सरकार ने लाखों की दो सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना स्वीकृत की थी.
योजना में 70 फीसदी से ऊपर का बजट भी खर्च हो चुका हो, लेकिन विभागीय अनदेखी और लापरवाही के चलते दोनों सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना में काम अधुरा होने के चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है. वहीं किसानों को अपने खेतों तक पानी पहुँचने का इन्तजार है.
मामले के अनुसार जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की स्वच्छ परियोजना के तहत सरकार ने चौरासी विधानसभा क्षेत्र की झोथरी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सांसरपुर में किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी पहुँचाने के लिए 47 लाख 82 हजार की लागत वाली बेडा सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना स्वीकृत की थी. वहीं इसके साथ ही 42 लाख की लागत वाली धामन सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना स्वीकृत की थी. लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते दो साल बाद भी सोलर लिफ्ट परियोजनाओ का काम पूर्ण नहीं होने से किसानो को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है.
स्वच्छ परियोजना के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बेडा सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना में स्वीकृत 47 लाख 82 हजार में से 36 लाख 35 हजार रुपए खर्च हो चूका है. वहीं धामन सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना में स्वीकृत 42 लाख में से 33 लाख 21 हजार का बजट खर्च हो चुका है. लेकिन उसके बावजूद भी दोनों परियोजनाओं में काम अधुरा पड़ा है. ठेकेदार परियोजना के तहत सोलर प्लेट्स तो लगा दी लेकिन पाइप लाइन नहीं बिछाकर कनेक्शन अभी तक नहीं किये है. ठेकेदार ने पाइप व मोटर लोगो के घरो में रखवा रखी है, लेकिन उन्हें बिछाने और लगाने का काम नहीं किया है.
इधर दोनों सोलर लिफ्ट परियोजना में हो रही देरी के सम्बन्ध में जब स्वच्छ परियोजना एक अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकारा की काम में देरी हो रही है. वहीं उन्होंने बताया की परियोजना में 10 फीसदी पैसा उस क्षेत्र के किसानों को देना पड़ता है. लेकिन किसानों ने उक्त राशि जमा नहीं करवाई जिसके चलते काम में देरी हुई है. वहीं इस सम्बन्ध में विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है और जल्द ही इन परियोजनाओं का पूरा करवाकर किसानो को लाभ पहुँचाया जाएगा.
बहरहाल स्वच्छ परियोजना के अधिकारी जल्द ही सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के काम को पूरा करने की बात कर रहे हो. लेकिन परियोजना के कार्यादेश दिए डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया है. वहीं ठेकेदार को 70 फीसदी से अधिक का भुगतान भी कर दिया है. लेकिन बावजूद विभागीय लापरवाही के चलते काम अधूरा पड़ा है.