दौसा: 28 मिलावटखोरों पर तीन लाख 27 हजार का जुर्माना, स्वास्थ्य विभाग ने लिये थे नमूने
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दौसा: 28 मिलावटखोरों पर तीन लाख 27 हजार का जुर्माना, स्वास्थ्य विभाग ने लिये थे नमूने

दौसा: 28 मिलावटखोरों पर तीन लाख 27 हजार का जुर्माना लगाया गया है.स्वास्थ्य विभाग ने खाद्य पदार्थ के नमूने लिए थे. जांच में नमूने मिस ब्रांड और सब स्टेंडर्ड के पाए गए थे. जिसके बाद एडीएम कोर्ट में मामला पेश किया गया था.

दौसा: 28 मिलावटखोरों पर तीन लाख 27 हजार का जुर्माना, स्वास्थ्य विभाग ने लिये थे नमूने

Dausa: दौसा एडीएम कोर्ट द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ दर्ज हुए प्रकरणों में सुनवाई के बाद फैसला करते हुए एडीएम सुरेश कुमार ने 28 मिलावटखोरों पर 3 लाख 27 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन मिलावटखोरों के यहां से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए थे. जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए तो मिस ब्रांड और सब स्टेंडर्ड पाए गए.

एडीएम कोर्ट में दायर किए गए थे मामले

इसके बाद स्वास्थ्य महकमे द्वारा मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए सभी प्रकरण एडीएम कोर्ट में दायर किए गए थे. यह सभी प्रकरण एक जून से 30 जून तक के हैं . मिलावटखोरों पर 28 प्रकरणों में लगाए गए जुर्माने में सबसे कम 3000 है तो सबसे अधिक 25000 का जुर्माना किया गया है. 3 प्रकरणों में 25-25 हजार रुपये के जुर्माने किए गए हैं. तो वहीं 13 मामलों में दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एक प्रकरण में 20 हजार का है.

3 मामलों में 15-15 हजार का जुर्माना

3 प्रकरणों में 15-15 हजार का जुर्माना, एक मामले में 18000 का और तीन मामलों में 7000 का जुर्माना लगाया गया है. वहीं 3 मिलावटखोरों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना किया गया है. वहीं एक पर 3000 की पेनल्टी की गई है.

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई

एडीएम सुरेश कुमार ने बताया राजस्थान सरकार के शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत सरकार की मंशा है लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले. जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे द्वारा लगातार नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाए जाते हैं और जब नमूने फेल होते हैं तो उनके खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दायर किए जाते हैं. प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट और पक्षकार की सुनवाई के बाद यह निर्णय किए गए हैं.

सरकार की मंशा है लोगों को बाजारों में शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले फिर चाहे वह दूध , पनीर , घी , तेल या अन्य खाद्य सामग्री हो. इसी के अनुरूप सरकार द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हुए हैं समय-समय पर बाजारों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाए और मिलावटी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि मिलावट खोरी पर शिकंजा कसा जा सके और लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सके. खुद मुख्य सचिव इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग कर रही है .

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