Bhilwara News: मोड़ का निम्बाहेड़ा के मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति रिवाज से हिंदू बहन को पहनाया मायरा. ढोल नगाड़े के साथ नाचते गाते हुए मुश्लिम परिवार ने निभाई रश्म.
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Bhilwara News: क्षेत्र के गांगलास ग्राम पंचायत के सालरमाला गांव में मंगलवार को मुस्लिम परिवार द्वारा मायरे ले जाने की चर्चा पूरे क्षेत्र में रही. यहां मोड़ का निंबाहेड़ा के मुस्लिम परिवार ने पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ हिंदू बहन को मायरा पहनाया. सालरमाला गांव के ईट उद्योगपति शंकर सिंह राव की सुपुत्रियों का विवाह था. शंकर सिंह राव ने 20 साल पूर्व मोड़ का निंबाहेड़ा निवासी दुर्गा कंवर राव ने शंकर सिंह राव से शादी रचाई.
दुर्गा के बचपन में माता-पिता का देहांत हो गया था. दुर्गा कंवर ने बचपन में मोड़ का निंबाहेड़ा निवासी जाकिर हुसैन रंगरेज को रक्षाबंधन के पर्व पर राखी बांधकर अपना भाई माना था. क्योंकि दुर्गा कवर के ना तो भाई है ना ही बहने हैं. जब दुर्गा कंवर राव का विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ, तब भी मुस्लिम परिवार ने सगी बहन समझ कर कपड़े वह जेवरात ले गए और विवाह के कार्यक्रम में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
मोड़ का निंबाड़ा के मुस्लिम परिवार हर रक्षाबंधन एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम में दुर्गा कंवर को अपनी बहन मानकर कार्यक्रम में शामिल होते हैं. तब से ही इस भाई बहन के अटूट बंधन को लगातार आगे बढ़ते हुए मुस्लिम परिवार इस बहन के हमेशा सुख-दुख में साथ रहे. बचपन में मुस्लिम परिवार ने दुर्गा कंवर को वचन दिया कि अगर आपके भाई नहीं है मैं आपका सगा भाई हूं और आपके पक्का मायरा (भात )जरूर लेकर आऊंगा.
शंकर सिंह राव के पुत्री की शादी थी, इस दौरान शादी के शादी के कार्ड में भी शंकर सिंह राव ने मोड़ का निंबाहेड़ा के मुस्लिम परिवार द्वारा पक्का मायरा लाने का विशेष संदेश प्रकाशित करवाया था. जब मोड़ का निंबाहेड़ा से मायरा लेकर मुस्लिम भाई जाकिर हुसैन रंगरेज, हाजी हनीफ मोहम्मद, गुलाम नबी, शेरु मोहम्मद, पीरु मोहम्मद ,आशिक़ हुसैन, बिस्मिल ख़ान, फारूक डायर ढ़ोल नगाड़े के साथ नाचते गाते हुए सालरमाला गांव आए और धूमधाम से अपने हिंदू बहन दुर्गा कंवर राव को मायरा पहनाया.
इस दौरान बहन एवं ग्रामीणों ने भी मुस्लिम परिवार के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. पुष्प वर्षा कर एवं माला पहनकर सभी का स्वागत किया. मायरे मे पति शंकर सिंह राव को ₹11000 एवं हिंदू बहन दुर्गा कंवर राव को ₹21000 की राशि थाली में भेट करते हुए चांदी के पायजम, बिछुड़िया सहित कपड़े व अन्य सामग्री पहनाई और एक सामाजिक समरसता का संदेश दिया.
इस मोके पर मोड़ का निंबाड़ा ठा. विजेंद्र सिंह, के हाजी मोहम्मद हनीफ मोहम्मद,जाकिर हुसैन, ग़ुलाम नबी रंगरेज,शेर मोहम्मद,पीरु मोहम्मद रंगरेज , आशिक़ हुसैन,सरपंच प्रतिनिधि भगवान माली, रमजान मोहम्मद, रियाज मोहम्मद, निसार मोहम्मद संगानेर,अमीर पुर ,रमज़ान रायला, इकराम शेख़, यूनुस करजलिया,नंद लाल खटिक,हीरालाल डोलिया, कन्हैया लाल,जगदीश चंद्र, रमेश माली, रामचंद्र गाड़री सहित जने मायरे के साक्षी बने.