Tiger Attack In Rajasthan: सरिस्का के वेटरनरी डॉ दीनदयाल मीणा और रणथंभौर से आए जसकरण ने मिलकर टाइगर को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज किया. बाघ 2402 अब सुरक्षित है और उसका मेडिकल चेकअप कर लिया गया है. साथ ही, उसके रेडियो कॉलर लगा दिया गया है जिससे उसकी प्रभावी ढंग से मॉनिटरिंग की जा सकेगी. अब उसे उसकी जन्मभूमि सरिस्का बाघ अभ्यारण में छोड़ा जाएगा.
रैणी में मिले टाइगर ST-2402 को ट्रेंकुलाइज कर लवकुश वाटिका लाया गया, जो राजगढ़-माचाड़ी सड़क मार्ग के मध्य स्थित है. वहां सरिस्का और रणथंभोर की टीम की मौजूदगी में टाइगर को रेडियो कॉलर लगाया गया. डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि तीन दिन पहले उन्हें सूचना मिली थी कि टाइगर दौसा पहुंच गया है, लेकिन उसे ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाए थे.
सरसो के खेतों में फसल बढ़ी होने के कारण बाघ को पहले नहीं मिल पाया था, लेकिन आज सुबह एक खेत के मालिक ने सूचना दी कि बाघ उनके खेत की रसोई में बैठा हुआ है. इस सूचना पर टीम ने मौके पर पहुंचकर ट्रेंकुलाइज स्पेशलिस्ट और रणथंभौर की टीम के साथ मिलकर एक घंटे में बाघ को सफलतापूर्वक पकड़ लिया.
अब उसे सरिस्का बाघ अभ्यारण के एनक्लोजर में ऑब्जर्वेशन के लिए रखा जाएगा और उसके रेडियो कॉलर लगा दिया गया है. बाद में उसकी निगरानी के बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा. यह टाइगर ST-24 का बाघ है.
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