Viral News: मीडिया से बात करते हुए उसने कहा, 'काम के दबाव के कारण बेहद तनाव में था. नौकरी छोड़ना चाहता था, लेकिन हिम्मत नहीं पड़ी. इस स्थिति से बचने के लिए मैंने ये कदम उठाया'.
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Office work pressure: आफिस में काम के दबाव या बॉस/मैनेजर की बात के तनाव में लोगों की जान जाने के मामले आए दिन सामने आते हैं. सेक्टर कोई भी हो, ऐसे मामलों का खुलासा यानी रिपोर्टिंग न के बराबर ही होती है. इक्का-दुक्का मामले सामने आते हैं, तो पता चलता है कि वर्क प्रेशर ने किसी घर का चिराग बुझा दिया. आफिस का तनाव हो या न हो, मालिक या मैनेजर का व्यवहार एम्प्लाई के प्रति चाहे कितना ही बुरा क्यों न हो? समझदार लोग उसे होशियारी से हैंडल करते हैं, लोड लेकर बीपी नहीं बढ़ाते हैं. कुछ ऐसी स्थितियों के चलते एक एम्प्लाई ने काम के दबाव में अपने हांथ की चार उंगलिया चाकू से काटकर तालाब में बहा दीं.
सैलरी 50 हजार और इतना तनाव...
गुजरात के मशहूर शहर और डायमंड नगरी के नाम से मशहूर सूरत में जब इस कंप्यूटर ऑपरेटर ने आफिस के काम के दबाव से हुए स्ट्रेस को दूर करने के लिए अपने हाथों की उंगलियां काट लीं तो बवाल मच गया. उसने पुलिस को जो कहानी सुनाई, उस पर किसी को यकीन ही नहीं हुआ. सूरत की बात तो छोड़िए ये शायद देश का ऐसा पहला मामला होगा, जब किसी कर्मचारी ने अपने दिल की भड़ास और मन का गुबार निकालने के लिए खुद को इस तरह नुकसान पहुंचाया हो.
खुद को नुकसान पहुंचाने वाले युवक की एक दो साल की बेटी है. उसके पिता किसान हैं. वो सुरेंद्रनगर जिले के अपने पैत्रक गांव में खुशी-खुशी रहते हैं. अपनी ही चार उंगलिया काटने वाला युवक काफी पढ़ा लिखा और सिविल इंजीनियर है. महीने में करीब 50 हजार रुपये कमाने वाला ये शख्स सूरत के एक मशहूर ज्यूलरी शो रूम में काम करता है.
पापा का दोस्त ऑफिस का मालिक
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला 8 दिसंबर का है, जब एक ज्वैलरी शोरूम में काम करने वाले 32 साल के कंप्यूटर ऑपरेटर ने अमरोली पुलिस के सामने ये कहकर देकर सनसनी फैला दी कि वेदांत सर्कल के पास वो बेहोश हो गया था, उसी समय अज्ञात हमलावर ने उसके हाथ की 4 उंगलियां काट दीं. पुलिस उसके दावे से हैरान थी क्योंकि अपनी बात के समर्थन में वो कोई सटीक तर्क या सबूत नहीं दे पा रहा था. उसकी बाइक, मोबाइल फोन और पर्स में पड़ा कैश समेत उसके कीमती सामान उसी के पास थे. ना ही कटी हुई उंगलियां मौके से बरामद हुई थीं.
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क्राइम ब्रांच ने सुलझाई गुत्थी
सनसनीखेज केस को सुलझाने के लिए डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच को लगाया गया. पुलिस ने 8 दिसंबर को उसकी गतिविधियों और फोन की कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का हवाला देकर सवालों को दोहराया तो पूछताछ के दौरान वो टूट गया. खुद को नुकसान पहुंचाने वाला युवा दो साल की एक बेटी का पिता है. उसके पिता किसान हैं. पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होगी.
रोते हुए बताया खुद काटी उंगलियां
पूछताछ के दौरान अचानक से इमोशनल हुआ युवक फूट-फूट कर रोने लगा. उसने काम का दबाव और नौकरी छोड़ने की अपनी लाचारी की वजह से ये फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि उसका मालिक, उसके पिता का रिश्तेदार था. एक सिविल इंजीनियर की बेबसी की कहानी अब वायरल हो रही है. वो युवा पुलिस को उस तालाब के पास ले गया, जहां उसने अपनी उंगलियों को और उन्हें काटने वाले चाकू को फेंक दिया, वो भी पुलिस ने बरामद कर लिया.
चाकू बेचने वाले ने पहचाना
अपनी उंगलियां काटने के लिए उसने सिंगणपुर क्रॉस रोड के पास की दुकान से स्टेनलेस स्टील का वो चाकू खरीदा था जिसका इस्तेमाल मीट मच्छी बेचने वाले करते हैं, दुकान के मालिक ने उसकी पहचान की पुष्टि करते हुए बताया कि उसने चाकू 5 दिसंबर के आसपास खरीदा था. उसने पुलिस को बताया कि ऐसा इसलिए किया क्योंकि इससे उसकी नौकरी भी बची रह जाती और उसे कुछ दिनों के लिए काम नहीं करना पड़ता.
मीडिया से बात करते हुए उसने कहा, 'काम के दबाव के कारण बेहद तनाव में था. नौकरी छोड़ना चाहता था, लेकिन हिम्मत नहीं पड़ी. इस स्थिति से बचने के लिए मैंने ये कदम उठाया'.
बेस्ट वर्क कल्चर का क्या हुआ?
आजकल तो कई देशों में बेस्ट वर्क कल्चर नाम का अवार्ड दिया जाता है. टॉप 10 कंपनियों की सूची अखबारों और न्यूज़ वेबसाइट्स में छपती है तो लाखों लोग ऐसी कंपनी में काम करने का सपना देखने लगते हैं. वो सोचते होंगे कि काश उनकी कार्पोरेट कंपनी या ऑफिस में भी 'बेस्ट वर्क प्लेस' कल्चर वाला माहौल होता. ऐसे में दफ्तर के माहौल/ऑफिस लाइफ की वजह से होने वाली कोई भी मौत सतत विकास के सिद्धांत के मुंह पर करारा तमाचा होती है.