Ajit Pawar: नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया? चुनाव से पहले अजीत पवार का जवाब बीजेपी की टेंशन बढ़ा देगा
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Ajit Pawar: नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया? चुनाव से पहले अजीत पवार का जवाब बीजेपी की टेंशन बढ़ा देगा

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति के साथी भाजपा के विरोध के बावजूद अजीत पवार ने नवाब मलिक को मानखुर्द से एनसीपी का टिकट देने के अपने फैसले का बचाव किया. 

Ajit Pawar: नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया? चुनाव से पहले अजीत पवार का जवाब बीजेपी की टेंशन बढ़ा देगा

Ajit Pawar Talk Defends Nawab Malik Ticket: महाराष्ट्र सरकार और महायुति में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के विरोध के बावजूद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे नवाब मलिक को टिकट दिया. मतदान से कुछ दिनों पहले पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने के अपने फैसले का खुलकर बचाव किया है.

नवाब मलिक के खिलाफ दाऊद के करीबियों से संबंध का गंभीर आरोप

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. साल 2022 में मलिक को कुख्यात आतंकी और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा भी कई मुकदमे चल रहे हैं. हालांकि, अभी तक किसी भी अदालत ने नवाब मलिक पर लगे किसी आरोपों को साबित नहीं किया है. अजित पवार ने इसी को आधार बनाते हुए कहा, "नवाब मलिक के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, तो उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया जाता?" हालांकि, नवाब मलिक को टिकट के पीछे महाराष्ट्र के 10-12 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक को सियासी वजह बताया जा रहा है.

अजित पवार ने पूर्व पीएम राजीव गांधी से की नवाब मलिक की तुलना 

अजित पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में नवाब मलिक की स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की, जिन पर पद पर रहते हुए आरोप लगे थे. पवार ने कहा, "राजीव गांधी के खिलाफ बोफोर्स जैसे कई आरोप लगाए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आरोपी हैं. यह लोकतंत्र है, हम बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते." इसके बाद पवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को दोषी घोषित करने से पहले आरोपों को अदालत में साबित किया जाना चाहिए.

आरोप लगाना आसान है, लेकिन अदालत में साबित किया जाना चाहिए

पवार ने कहा, "आरोप लगाना आसान है, लेकिन उन्हें अदालत में साबित किया जाना चाहिए. अभी ये सिर्फ आरोप हैं. हम बिना ठोस सबूत के किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं." एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने राजनीति में आरोप लगाने की प्रथा के बारे में भी बताया और कहा कि ऐसा अक्सर होता है, लेकिन हमेशा इसका ठोस आधार नहीं होता. उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में कोई भी किसी पर भी आरोप लगा सकता है." उन्होंने कहा कि राजीव गांधी जैसे लोगों पर लगाए गए आरोपों के बाद भी उन्हें कानूनी सजा नहीं मिली.

क्या महायुति सरकार उद्योगपतियों से प्रभावित है? क्या बोले अजित पवार

अजित पवार ने महा विकास अघाड़ी के उन आरोपों का भी जवाब दिया कि मौजूदा महायुति सरकार उद्योगपतियों से प्रभावित है. खास तौर पर अडानी जैसे कारोबारी दिग्गजों के मामले में ये आरोप लगाए गए हैं. पवार ने कहा, "यह 101 प्रतिशत गलत है. महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होता. महाराष्ट्र में बहुत बड़े उद्योग हैं, लेकिन वे अपना काम अलग से करते हैं और महाराष्ट्र सरकार राज्य के मामलों को देखती है. अब वे (विपक्ष) चुनाव के दौरान इस तरह के आरोप लगाते हैं."

किस मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की बात सुनकर फैसला किया? बताना चाहिए 

उन्होंने आगे कहा, "तो, आप देखिए, आज तक जितने भी मुख्यमंत्री बने हैं, सभी मुख्यमंत्री. एक (एकनाथ शिंदे) शिवसेना से हैं और सिर्फ 5 साल के लिए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, उद्धव भी शिवसेना से थे... और बाकी सभी कांग्रेस से हैं. हर कोई उनके (उद्योगपतियों) साथ काम करता है. तो, किस मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की बात सुनकर फैसला किया? उन्हें बताना चाहिए." 

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मुंबई में पीएम मोदी की रैली में क्यों नहीं आए NCP के सभी उम्मीदवार

इससे पहले इंटरव्यू में अजित पवार ने यह भी बताया कि एनसीपी के सभी उम्मीदवार मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में क्यों नहीं आए. उन्होंने कहा, "उस दिन पुणे में एक रैली थी. महायुति गठबंधन के 21 उम्मीदवार थे. लेकिन 5-6 नहीं आए और केवल 15 ही शामिल हुए. किसी ने सवाल नहीं किया कि वे क्यों नहीं आए. लेकिन जब जीशान, सना और अन्य लोग शामिल नहीं हुए, तो यह चर्चा का विषय बन गया." उन्होंने कहा कि कुछ उम्मीदवारों की अनुपस्थिति के पीछे शेड्यूलिंग कंफ्लिक्ट बड़ी वजह थी.

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