Simhastha Kumbh 2028: महाकुंभ में भगदड़ के बाद पुजारी संघ की मांग, उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में बंद हो VIP एंट्री!
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2624761

Simhastha Kumbh 2028: महाकुंभ में भगदड़ के बाद पुजारी संघ की मांग, उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में बंद हो VIP एंट्री!

Prayagraj Mahakumbh Stampede: उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होना है. इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई है. वहीं, प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद से अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने सीएम मोहन यादव को सुझाव पत्र लिखा है. जिसमें उज्जैन में लगने वाले कुंभ में VIP एंट्री बंद करने की बात कही है.

Simhastha Kumbh 2028: महाकुंभ में भगदड़ के बाद पुजारी संघ की मांग, उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में बंद हो VIP एंट्री!

Ujjain Simhastha Kumbh Mela 2028: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है. पुलिस प्रशासन महाकुंभ को सकुशल संपन्न कराने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. इसके बावजदू बीते बुधवार को कुंभ में मचे भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया. महाकुंभ में हुई दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. ऐसी दुर्घटना मध्य प्रदेश के उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ में ना हो. इसके लिए भारतीय पुजारी महासंघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को सुझाव पत्र भेजा है. जिसमें मांग की गई है कि सिंहस्थ कुंभ में वीआईपी और वीवीआईपी पर प्रतिबंध लगाया जाए.

रामघाट पर शंकराचार्यों को मिले स्नान की अनुमति

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने बताया कि मोहन सरकार को लिखे पत्र में बताया कि 2028 में महाकाल की नगरी उज्जैन में मां क्षिप्रा के तट पर सिंहस्त कुंभ का आयोजन होगा. इस दौरान देश विदेश से श्रद्धालु आएंगे. ऐसे में सरकार को मेला क्षेत्र में सभी वीआईपी और वीवीआईपी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. सभी श्रद्धालुओं के साथ समान व्यवहार किया जाए. सर्वप्रथम केवल सनातन धर्म के सर्वोच्च चारों शंकराचार्यों को ही स्नान की अनुमति दी जानी चाहिए, अन्य अखाड़ों को नहीं. यदि मोहन सरकार इन सुक्षावों को सिंहस्थ कुंभ 2028 में लागू करती है. तो निश्चित ही यहां किसी प्रकार की भगदड़ या अव्यवस्था नहीं होगी. इससे महाकाल की नगरी उज्जैन का विश्व पटल पर और नाम रोशन होगा. 

इस वजह से उज्जैन में होती है भगदड़ की स्थिति

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के मुताबिक, सिंहस्थ कुंभ के दौरान क्षिप्रा के हर घाट को रामघाट के रूप में प्रचारित कर श्रद्धालुओं को वहीं स्नान करने की अपील की जाती है. इस दौरान तेरह अखाड़े वैभव प्रदर्शन करते हुए रामघाट पर जाकर स्नान करते हैं. अखाड़ों के स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को नदी क्षेत्र में जाने से रोक दिया जाता है. इससे श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ता है और भगदड़ या हादसों की आशंका उत्पन्न होती है.

अलग-अलग घाट पर हो स्नान

इसलिए अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखते हुए सुझाव दिया है, स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई को बंद किया जाना चाहिए और साधु-संतों को साधारण रूप से, अपने अनुयायियों और यजमानों के बिना, पैदल ही स्नान के लिए जाना चाहिए. स्नान करने जाने में किस बात का वैभव ओर प्रदर्शन? क्योंकि संत परंपरा त्याग का प्रतीक है." पुजारी संघ के दिए सुक्षाव के मुताबिक, जब क्षिप्रा सभी स्थानों पर पवित्र है, तो तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित किए जाने चाहिए. इससे संबंधित अखाड़ों के साधु-संत अपने पास के अखाड़े में जाकर स्नान कर सकें. जैसे ही इन अखाड़ों का स्नान हो जाए, वैसे ही अन्य श्रद्धालुओं के स्नान के लिए घाट खोल दिए जाएं.

ये भी पढ़ें- सिंहस्थ 2028 में दिखेगी प्रयागराज महाकुंभ की झलक, मोहन सरकार ने अभी से शुरू कर दी तैयारियां

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें  MP News और पाएं MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news