Kanya Sankranti 2024: सूर्य देव 16 सितंबर को सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इसे कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti 2024) के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा, जप, तप, और दान-पुण्य का महत्व है. सूर्य देव की पूजा से शारीरिक और मानसिक सुख मिलता है. आइए जानते हैं कैसे करनी है पूजा और इससे आपको क्या फल मिलेगा.
कन्या संक्रांति के दिन शुभ समय की शुरुआत दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 25 मिनट तक होगा. वहीं महान धार्मिक समय शाम 04 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है.
हिंदू धर्म की माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए. इस दिन नहाने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. बताया जाता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में नहाने या डुबकी लगाने से पुण्य मिलता है. इस दिन गंगा नदी पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जहां वे सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा-पाठ करते हैं.
सूर्य देव की पूजा के लिए पहले साफ चौकी पर साफ चौकी पर कलश और सूर्य देव की मूर्ति रखें. जिसके बाद सूर्य देव को अक्षत, रोली, मौली, और चंदन चढ़ाएं. फिर सूर्य देव की आरती करें. पूजा के दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. आरती के बाद मिठाई का भोग जरूर चढ़ाएं.
सूर्य देव की पूजा से जीवन में कई सारी चीजों में सुधार हो सकता है. आपको सुर्य देव की पूजा करने से यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. उनके आशीर्वाद से आपकी नौकरी और बिजनेस में आ रही समस्याएं सुलझ सकती है. आपको पूजा से मन की शांति के साथ निर्णय लेने की क्षमता में मजबूती तक देखने को मिल सकती है.
कन्या संक्रांति के दिन पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहिए. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पूर्वजों के लिए पिंडदान और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है.
रवि योग एक विशेष ज्योतिषीय संयोग है जो सूर्य देव के कन्या राशि में प्रवेश करने से बनता है. रवि योग का निर्माण शाम के समय 4:33 बजकर पर हो रहा है.इस योग में सूर्य देव की पूजा करने से भक्त को स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान मिल सकता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़