Narmada Jayanti: हिंदू धर्म में जैसे हम मां गंगा को पवित्र मानते हैं और उनकी पूजा करते है ठीक उसी तरह से नर्मदा नदी को भी पूजनीय माना गया है. नर्मदा नदी भी हमारे हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाती हैं. नर्मदा नदी में स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है. आज 4 फरवरी को देशभर में नर्मदा जयंती2025 मनाई जाएगी. पूरी जानकारी के लिए पढ़े खबर...
नर्मदा नदी हमारे लिए उतनी ही पूजनीय है जितनी की मां गंगा. नर्मदा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. चलिए जानते है नर्मदा जयंती2025 पर नर्मदा स्नान करने का क्या महत्व है और आपको क्या लाभ मिल सकते हैं.
नर्मदा जयंती पर ओंकारेश्वर घाट पर दीपदान का विशेष महत्व होता है, क्योंकि 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान ममलेश्वर माता पार्वती के साथ यहां विराजमान हैं. मान्यता है कि यहां दीपदान करने से भगवान भोलेनाथ और मां नर्मदा सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
हर साल माघ महिने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर नर्मदा जयंती मनाया जाता हैं. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में आस्था की डूबकी लगाते हैं. नर्मदा नदी में ही नहीं बल्कि दूसरे पवित्र नदियों में भी आज के दिन स्नान किया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और मां नर्मदा सहित मां गंगा का भी आशीर्वाद मिलता है.
नर्मदा जयंती 4 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी. वहीं 5 फरवरी देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर जयंती का समापन होगा. इसी समय नर्मदा नदी में स्नान और उनकी पूजा- ध्यान करना शुभ माना गया है.
पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां नर्मदा ने पृथ्वी पर अवतार लिया था, इसलिए आज के दिन को नर्मदा जयंती तौर पर मनाया जाता है.
अमरकंटक स्थित नर्मदा नदी पर नर्मदा जयंती मनाने के लिए बहुत पवित्र माना गया है. नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद फूल, हल्दी और कुमकुम चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है.
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