Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के पावन पर्व के दूसरे दिन आज रतलाम के विरुपाक्ष महादेव मंदिर में बड़ा उत्साह देखा जा रहा है. ये देश ही नहीं दुनिया का सबसे अनोखा शिव मंदिर है, जिसे भूल भुलैया वाले शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में हर साल संतान सुख की चाह लिए हजारों लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं. माना जाता है कि जहां महज प्रसाद की खीर खाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है.
रतलाम जिले के बिलपांक गांव में विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि के दूसरे दिन अमावस्या पर्व आस्था का जनसैलाब उमड़ता है. रविवार को रतलाम के विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.
इनमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की रही. क्योंकि विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर अमावस्या के दिन वर्ष में एक बार खास महिलाओं के लिए विशेष प्रसाद तैयार होता है. जिसे ग्रहण करने न सिर्फ एमपी बल्कि देश के अन्य राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
इस दिन यहां न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भी महिलाएं आती है, और न सिर्फ हिन्दू धर्म की महिलाएं बल्कि मुस्लिम समाज सहित अन्य धर्म की महिलाएं भी जो इस प्रसाद में आस्था रखती है. सभी बड़ी संख्या में आती है.
महाशिवरात्रि पर 5 दिवसीय हवन में तैयार खीर प्रसाद को लेने सिर्फ आज के दिन ही श्रद्धालुओं को मिलता है, और यह प्रसाद विशेष महिलाओं को वितरित की जाती है. मान्यता है कि प्रसाद की खीर खाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है.
इस मंदिर को भूल भुलैय्या वाला शिव मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर में लगे खंभों की एक बार में सही गिनती करना किसी के बस की बात नहीं है.
इस मंदिर के सभी 64 खंभों पर की गई नक्काशी देखने लायक है. इस प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर के अंदर 34 खंभों का एक मंडप है और सभी चारों कोनों पर, खंभों की गिनती 14-14 बनती है जबकि 8 खंभे अंदर गर्भगृह में हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं. zeempcg इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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