MP में राज्यसभा की 1 सीट पर कई दावेदार, कौन लेगा सिंधिया की जगह, ये नाम सबसे आगे
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MP में राज्यसभा की 1 सीट पर कई दावेदार, कौन लेगा सिंधिया की जगह, ये नाम सबसे आगे

Rajya Sabha Elections: ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. इस सीट पर बीजेपी कई बड़े नेता दावेदार दिख रहे हैं. 

राज्यसभा में किसे मिलेगा मौका

MP Politics: चुनाव आयोग ने बुधवार को राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर भी चुनाव होगा. सिंधिया ने 11 जून को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, ऐसे में उनकी जगह बीजेपी की तरफ कौन राज्यसभा जाएगा इस बात की चर्चा तेजी से मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में हो रही है. क्योंकि एमपी बीजेपी के कई नेता राज्यसभा के दावेदार दिख रहे हैं. 

इन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा 

राज्यसभा में सिंधिया की जगह लेने के लिए मध्य प्रदेश में कई दावेदार नजर आ रहे हैं. प्रदेश की सियासत के लिहाज से यह सभी नाम बड़े हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में जिन नेताओं के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा चल रही हैं, उनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. 

केपी यादव 

राज्यसभा की खाली सीट पर पूर्व सांसद केपी यादव का नाम रेस में आगे नजर आ रहा है. दरअसल, केपी यादव गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद थे, लेकिन बीजेपी ने उनकी जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया था, जहां सिंधिया ने जीत हासिल की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने केपी यादव को बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही थी. ऐसे में राजनीतिक जानकार भी मानकर चल रहे हैं कि बीजेपी केपी यादव को राज्यसभा भेजकर उन्हें नई जिम्मेदारी देगी. केपी यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं, यह बात भी उनके फेवर में जाती है. 

नरोत्तम मिश्रा 

मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी राज्यसभा की इस सीट पर प्रबल दावेदार नजर आ रहे हैं. राजधानी भोपाल में उनकी सक्रियता बनी हुई है. हाल ही में बीजेपी के कई दिग्गज नेता एक बार फिर उनसे मुलाकात कर चुके हैं. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भी नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं और कई नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया था. नरोत्तम मिश्रा की गिनती भी अमित शाह के करीबियों में होती है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी मिश्रा को कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. खास बात यह भी है कि बीजेपी के सभी राज्यसभा सांसदों में ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग के सांसद हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि मिश्रा के जरिए पार्टी अब सवर्ण कार्ड राज्यसभा के लिए खेल सकती है. 

जयभान सिंह पवैया

पूर्व मंत्री और पूर्व लोकसभा सांसद जयभान सिंह पवैया का नाम भी तेजी से राज्यसभा के लिए चर्चा में आया है. पिछले कुछ दिनों से भोपाल से दिल्ली के बीच उनकी सक्रियता भी बढ़ी हैं. पवैया हिंदुत्ववादी चेहरे हैं और बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्हें संघ का करीबी माना जाता है, जबकि सवर्ण वर्ग से भी आते हैं. लंबे समय से उन्हें भी अहम जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है. ऐसे में पवैया को भी राज्यसभा में एंट्री मिल सकती है. 

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सरप्राइज कर सकती है बीजेपी 

बीजेपी की राजनीति में सरप्राइज सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. यानि जिन नामों की चर्चा चलती है उनकी जगह किसी नए चेहरे को मौका मिलता है. पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने कई बार चौंकाया है, जहां राजनीतिक पंडित भी अनुमान लगाने में चूके हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में भी राज्यसभा के चुनाव में एक बार फिर ऐसा देखने को मिल सकता है. इन तीन नामों के अलावा बीजेपी किसी नए चेहरे को राज्यसभा भेज सकती है. जिसमें हैदराबाद से चुनाव लड़ी माधवी लता, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी, कांतदेव सिंह और सुरेश पचौरी के नाम भी अंदरखाने चर्चा में चल रहे हैं. जबकि पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, ग्वालियर से आने वाले लोकेंद्र पाराशर और बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार तक नाम राज्यसभा की रेस में शामिल है. हालांकि यह सब अटकलों का दौर है. क्योंकि बीजेपी ने अब तक किसी भी तरह से अपने पत्ते नहीं खोले हैं. 

3 अगस्त को होगा फैसला 

मध्य प्रदेश से राज्यसभा की खाली सीट पर कौन जाएगा इसका फैसला 3 सितंबर को होगा. राज्यसभा उपचुनाव के लिए 14 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी होगा, जबकि 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल होंगे और 26 अगस्त नाम वापसी का आखिरी दिन होगा और 3 सितंबर को वोटिंग और रिजल्ट आएगा. हालांकि मध्य प्रदेश में वोटिंग होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि विधायकों के संख्याबल के हिसाब से बीजेपी आसानी से यह सीट जीत जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश से राज्यसभा का सदस्य निर्विरोध ही चुना जाएगा. 

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