शिक्षा सचिव ने प्रिंसिपल- टीचर की रोकी वेतन वृद्धि, ये है वजह
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शिक्षा सचिव ने प्रिंसिपल- टीचर की रोकी वेतन वृद्धि, ये है वजह

स्कूल में शासन की तरफ से दी गईं निशुल्क पाठ्य पुस्तकें बेकार पड़ी हुईं थी, जिससे स्कूल शिक्षा सचिव नाराज हुए और कार्रवाई के आदेश दिए.

शिक्षा सचिव ने प्रिंसिपल- टीचर की रोकी वेतन वृद्धि, ये है वजह

रजनी ठाकुर/रायपुरः छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सचिव ने पढ़ाई में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. शिक्षा सचिव ने स्कूल प्रिंसिपल और टीचर की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. प्रिंसिपल की दो और टीचर की एक वेतन वृद्धि को रोका गया है. स्कूल शिक्षा सचिव ने 10 कर्मचारियों का आधे दिन का वेतन काटने का भी आदेश दिया है. 

औचक निरीक्षण में मिली लापरवाही
मामला रायपुर के मंदिर हसौद के हायर सेकेंडरी स्कूल का है. जहां स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. इस दौरान स्कूली शिक्षा और प्रबंधन में कई तरह की खामियां नजर आईं. इस पर शिक्षा सचिव ने नाराजगी जताई और स्कूल के प्रिंसिपल की दो और टीचर की एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी. 

दरअसल स्कूल में शासन की तरफ से दी गईं निशुल्क पाठ्य पुस्तकें बेकार पड़ी हुईं थी, जिससे स्कूल शिक्षा सचिव नाराज हुए और उक्त कार्रवाई के आदेश दिए. इस दौरान शिक्षा सचिव ने छात्रों से सवाल-जवाब किए और छात्रों को करियर बनाने के टिप्स भी दिए. 

औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल के टीचर और अन्य स्टाफ समय पर स्कूल भी नहीं पहुंचे थे. ऐसे में शिक्षा सचिव ने देरी से आने वाले स्टाफ के आधे दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए. जिन कर्मियों का वेतन काटा गया, उनमें 7 टीचर, एक लिपिक, 2 भृत्य शामिल हैं.

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