CM मोहन यादव ने जीजी फ्लाईओवर का उद्धाटन के साथ ही नाम बदलकर अंबेडकर ब्रिज रख दिया. राहुल गांधी की 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा' से पहले बीजेपी का ये फैसला बड़ा खेला है.
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MP Politics News: मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भोपाल में जीजी फ्लाईओवर का उद्धाटन कर एक तीर से दो निशाने लगा दिए. एक तरफ शहर की जनता को भारी ट्रैफिक जाम से राहत मिल गई. गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक बने इस ब्रिज से जाम से राहत मिलेगा. दूसरी तरफ कांग्रेस की जय भीम जय संविधान रैली का इम्पैक्ट भी कम कर दिया. कैसे? जी-जी ब्रिज का नाम बद अंबेडकर ब्रिज रखकर. 27 जनवरी को महू में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आने वाले हैं. राहुल की संविधान बचाओ जनसभा होनी है, जिसकी सफलता की जिम्मेदारी 18 विधायकों को दी है. लेकिन ब्रिज का नाम बदलकर भाजपा ने रैली का रंग पहले ही फीका कर दिया.
बाबा साहेब अंबेडकर किसके
मध्य प्रदेश के महू में 27 जनवरी को राहुल गांधी सभा के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कमर कसी हुई है. उनका ये भी आरोप है कि भाजपा एआई से झूठे प्रोपेगेंडा तैयार कर कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर गलत प्रचार करती है. इस्तमाल करती है और उनका अपमान करती है. कांग्रेस महू से 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा' का समापन रैली निकालकर करने वाली है, जिसमें केंद्र से कई दिग्गज आना वाले हैं. बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली महू में कांग्रेस की इस रैली में 1 लाख लोगों को जुटाने का लक्ष्य है. रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ-साथ कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम भी आएंगे. ऐसे में इस ब्रिज का नाम अंबेडकर के नाम पर रखना बड़ा खेला कर गया. ये एमपी का अब तक का सबसे लंबा फ्लाईओवर है.
'कांग्रेसी बगुला भगत'
इस मौके पर सीएम मोहन ने कहा, कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ अन्याय किया. बीजेपी ने अंबेडकर जी से जुड़े सभी स्थानों को पवित्रधाम बनाने का काम किया. अब इस ब्रिज का नाम अंबेडकर जी के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनकी यादें और योगदान हमेशा जीवित रहें. कांग्रेस की रैली पर सीएम ने कहा, कांग्रेस के लोग वोट के लालच में मध्यप्रदेश में आकर यात्रा निकाल रहे हैं. वो पहले अपने पुराने पापों का हिसाब रख लें. कांग्रेस ने अंबेडकर के साथ अन्याय किया. वो लोकसभा चुनाव लड़ने गए तो उन्हें हरवा दिया. अंबेडकर जी को जीते जी कोई पुरस्कार नहीं दिया. यह कांग्रेस का काला कारनामा है. कांग्रेसी बगुला भगत बनकर सबके बीच अंबेडकर जी का चेहरा लेकर आ रहे हैं. शर्म आना चाहिए.