Rajasthan Politics Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस में अंदरखाने मची हलचल रह रह कर उबाल मार रही है. सचिन पायलट के आरोपों के बीच वसुंधरा और गहलोत की मिलीभगत की अटकलें लग रही हैं. आलाकमान के मन में क्या चल रहा है ये तो वही जाने इसबीच एक MLA ने सीएम गहलोत के नाम ऐसा पत्र लिखा जिसे पढ़कर लोगों की हंसी छूट रही है.
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Bharat Singh Kundanpur Viral Letter: भारतीय राजनीति में बीजेपी से लेकर कांग्रेस और हर दल में कई नेता हुए हैं जिनके दूसरी पार्टी के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं. ऐसे नेताओं में पीएम मोदी, शरद पवार और न जाने कितने नाम गिनाए जा सकते हैं. अब इस सूची में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का नाम भी लिया जा रहा है. ऐसा गहलोत के एक बयान की वजह से हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब उनकी सरकार गिराने की साजिश हो रही थी तब वसुंधरा राजे ने उनकी मदद की थी. इस बयान पर बवाल बढ़ा तो अब अशोक गहलोत सफाई देते हुए घूम रहे हैं. इस बीच पायलट, सीएम गहलोत के खिलाफ लगातार हमलावर हैं, इस बीच कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने दोनों को एकजुट करने की कोशिश में ऐसी चिठ्ठी लिखी जो वायरल हो रही है.
'टॉयलेट छोड़कर पायलट से जुड़ो'
राज्य में कांग्रेस के एक विधायक ने भ्रष्टाचार की गंदगी का जिक्र करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पार्टी के हित में 'टॉयलेट छोड़कर पायलट से जुड़ने' का अनुरोध किया. सांगोद के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने गहलोत को लिखे पत्र में राजस्थान के खनन एवं गो-पालन मंत्री प्रमोद जैन भाया का हवाला देते हुए 'भ्रष्ट भाया’ को संरक्षण देना बंद करने को भी कहा.
कुंदनपुर ने पत्र में अपने कोटा कार्यालय में रखे रावण के पुतले के बारे में लिखा और कहा कि उन्होंने तथा पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने पिछले भाजपा शासन के 'गलत कामों' के विरोध में अकसर इसका इस्तेमाल किया है.
'जानबूझकर गलती करना गलत पर गलती को छिपाना और भी बुरा'
उन्होंने कहा कि पुतले पर लिखा एक संदेश विचार करने योग्य है. उन्होंने इसे पत्र में उद्धृत करते हुए कहा, 'जानबूझकर गलती करना गलत है. गलती को छिपाना और भी बुरा है.'
विधायक ने लिखा, 'गलत की जानकारी होते हुए भी उच्च अधिकारियों की चुप्पी मिलीभगत है. यदि विभागाध्यक्ष चुप हैं तो यह मिलीभगत से भ्रष्टाचार है. पद का अहंकार जनता को कष्ट देता है. कृपया भ्रष्ट 'भाया' को संरक्षण देना बंद करें.'
गृह मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे गहलोत का जिक्र करते हुए कुंदनपुर ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री को इन बिंदुओं पर विचार करना चाहिए. चार बार विधायक और एक बार मंत्री रहे कुंदनपुर ने पत्र को यह कहते हुए समाप्त किया, 'पार्टी के हित में, कृपया टॉयलेट (शौचालय) छोड़ें और पायलट से जुड़ें.'
विधायक ने समझाया मतलब
उनकी चिठ्ठी वायरल हुई तो विधायक ने बताया कि उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार की कथित गंदगी को संदर्भित करने के लिए पत्र में 'टॉयलेट' शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि भाया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच लंबित रहती है लेकिन जांच अधिकारी रिटायर हो जाते हैं.
कुंदनपुर ने कहा, 'पायलट जो कर रहे हैं वह उचित है और जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है, वह उनके साथ है.' राजस्थान कांग्रेस में मची खींचातान के बीच राजस्थान की जनता शायद अब समझ रही है कि सियासत में कोई स्थायी दोस्ती या दुश्मनी नहीं होती है.