छात्रों को सुनकर अच्छा लगेगा... BHU में एस जयशंकर ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
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छात्रों को सुनकर अच्छा लगेगा... BHU में एस जयशंकर ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Jaishankar in BHU: विदेश मंत्री ने छात्रों के साथ संवाद के दौरान भारत की प्रौद्योगिकी और ज्ञान-परंपरा की शक्ति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश अपनी प्राचीन वैज्ञानिक विरासत को पुनः स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

छात्रों को सुनकर अच्छा लगेगा... BHU में एस जयशंकर ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Kashi Tamil Sangamam: विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी बेबाक और रोचक शैली के लिए जाने जाते हैं. जब वे बोलते हैं तो लोग खास दिलचस्पी के साथ सुनते हैं. खासकर जब विषय राजनीति, विश्व कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का हो. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय BHU में भी यही नजारा देखने को मिला जब उन्होंने काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण के दौरान छात्रों और तमिल प्रतिनिधियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए हैं.

काशी तमिल संगमम इस अनूठी परंपरा
असल में विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मौके पर काशी को भारत का सांस्कृतिक हृदयस्थल बताते हुए कहा कि यह देशभर के लोगों से गहराई से जुड़ा हुआ है. उन्होंने तमिलनाडु और काशी के बीच के ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम इस अनूठी परंपरा का उत्सव मनाने का जरिया है. उनके अनुसार भारत की ताकत उसकी विविधता में छिपी है और यही एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में मजबूती देती है.

भारतीय परंपराएं आधुनिक विज्ञान में भी
विदेश मंत्री ने छात्रों के साथ संवाद के दौरान भारत की प्रौद्योगिकी और ज्ञान-परंपरा की शक्ति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश अपनी प्राचीन वैज्ञानिक विरासत को पुनः स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. योग और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराएं आधुनिक विज्ञान में भी योगदान दे सकती हैं. उन्होंने इसे बढ़ावा देने की जरूरत बताई.

45 राजदूतों को समझाया काशी-तमिल कनेक्ट
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 45 राजदूत भी मौजूद थे. जयशंकर ने राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी दुनिया का सबसे पुराना और निरंतर आबाद रहने वाला शहर है जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है. रविवार को आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य भारत की गहरी जड़ों वाली परंपराओं को दुनिया के सामने लाना है.

कार्यक्रम में बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति संजय कुमार ने इसे भारत की वैश्विक पहुंच और अन्य देशों के साथ उसके सांस्कृतिक और ज्ञान-विज्ञान आधारित रिश्तों को मजबूत करने वाला बताया. शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस वार्षिक कार्यक्रम का उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के बीच प्राचीन सभ्यतागत बंधन को और मजबूत करना है.

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