Indian Army Chief Press Conference Today: सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि कश्मीर घाटी और जम्मू में जो भी आतंकवादी बचे हैं, उनमें से लगभग 80 प्रतिशत या उससे अधिक पाकिस्तान मूल के हैं.
Trending Photos
Indian Army News: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का ‘केंद्र’ है. वहीं से जम्मू-कश्मीर में हिंसा के कुचक्र को ‘संचालित’ किया जा रहा है. आर्मी चीफ ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि J&K में सक्रिय 80% या शायद उससे अधिक आतंकी पाकिस्तान मूल के हैं. हालांकि, उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश की समग्र स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में बताया. वह 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले, दिल्ली के सैम मानेकशॉ सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
जनरल द्विवेदी ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में हिंसा ‘आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान’ द्वारा ‘संचालित’ किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में कई आतंकी हमले हुए हैं.' सेना प्रमुख ने कहा, 'पिछले साल मारे गए आतंकवादियों में से 60 प्रतिशत पाकिस्तान मूल के थे. आज तक (कश्मीर) घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी शेष बचे हैं, हमें लगता है कि उनमें से लगभग 80 प्रतिशत या उससे अधिक पाकिस्तान मूल के हैं.'
'बॉर्डर पर आतंकी ढांचा बरकरार'
तनाव कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं ने 25 फरवरी, 2021 को घोषणा की कि वे 2003 के युद्धविराम समझौते के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हुए एलओसी पर गोलीबारी बंद कर देंगी.
भारत के नए समुद्री योद्धा: चीन-पाक को पानी में लगेगा करंट! धमक से कांप उठेगी दुनिया
जनरल द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति ‘पूरी तरह से नियंत्रण में’ है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सीमा पर आतंकी ढांचा 'बरकरार' है. उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन समग्र रूप से हिंसा नियंत्रण में है.
'सेना को मिली इमरजेंसी खरीद की परमिशन'
जनरल द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से पर्यटन की तरफ ले जाने की ‘थीम’ धीरे-धीरे आकार ले रही है. उन्होंने कहा कि सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद के लिए भी अनुमति दे दी गई है. थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना के साथ 2021 का ‘संघर्ष विराम’ जारी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं.
यह भी पढ़ें: 'लद्दाख में सेंसिटिव हैं हालात, लेकिन ...', LAC को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान
'पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील पर स्थिर'
जनरल द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध बरकरार है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को बैठकर इस मुद्दे पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है कि स्थिति को कैसे शांत किया जाए. जनरल द्विवेदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को संवेदनशील लेकिन स्थिर बताया.
आर्मी चीफ ने कहा कि कोर कमांडरों को अब गश्त और मवेशियों को घास चराने से संबंधित ‘मामूली’ मुद्दों या ‘मामूली विवादों’ को हल करने की शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि वे बाद में ‘बड़ा मुद्दा’ ना बनें. सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि बफर जोन नाम की कोई चीज नहीं है क्योंकि हिंसा की संभावना से बचने के लिए कुछ क्षेत्रों में गश्त पर अस्थायी रोक लगा दी गई है.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश की बौखलाहट को भारत ने किया शांत, सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर सुनाई खरी-खरी
'मणिपुर में भी हालात नियंत्रण में'
मणिपुर के बारे में सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सरकार की सक्रिय पहलों से राज्य में स्थिति नियंत्रण में आ गई है. हालांकि, सेना प्रमुख ने कहा कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं जारी हैं और सशस्त्र बल क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि म्यांमा में स्थिति के किसी भी प्रभाव की आशंका से निपटने के लिए भारत-म्यांमा सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है. (भाषा)