India US Space Partnership: धरती पर अमेरिका और भारत की दोस्ती पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुई है. पृथ्वी के ये दोस्त अब अंतरिक्ष में 'जिगरी यार' बनकर साथ कदम बढ़ाना चाहते हैं.
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India US Space Cooperation: भारत और अमेरिका की गहराती दोस्ती अब अंतरिक्ष की 'जिगरी यारी' में बदलने वाली है. दोनों देश अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं. भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने अंतरिक्ष सहयोग में अगले कदमों की रूपरेखा तैयार की है. इसमें ह्युमन स्पेस फ्लाइट और जॉइंट स्पेस एक्सप्लोरेशन शामिल हैं. उम्मीद है कि दोनों देश अपने यहां की अंतरिक्ष कंपनियों के बीच वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाएंगे.
ह्यूस्टन में हुई अहम बैठक
अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने हाल ही में टेक्सास के ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर की यात्रा की. व्हाइट हाउस ने बुधवार को बताया कि ह्यूस्टन में 17 दिसंबर को एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें अमेरिका के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर, उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और क्वात्रा शामिल हुए.
क्वात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कर्ट कैंपबेल और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर के साथ नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर का दौरा करना अद्भुत था. स्पेस कोऑपरेशन पर चर्चा करने का अवसर मिला, जिसमें कि ह्युमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम और इनोवेशन-टेक्नोलॉजी प्राइवेट सेक्टर के बीच साझेदारी बढ़ाने पर ध्यान दिया गया.' उन्होंने जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे इसरो के दो अंतरिक्ष यात्रियों का जिक्र करते हुए कहा, 'ह्यूस्टन में प्रशिक्षण ले रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर भी खुशी हुई.'
Wonderful to visit the Johnson Space Center of @NASA with @DeputySecState Kurt Campbell and Deputy National Security Advisor Jon Finer. Had the opportunity to discuss and space cooperation including in human space flight program and enhancing partnership between the two… pic.twitter.com/9iHNWbVtAd
— Amb Vinay Mohan Kwatra (@AmbVMKwatra) December 18, 2024
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NASA और ISRO के बीच और मजबूत होगी साझेदारी
व्हाइट हाउस ने एक प्रेस बयान में कहा, "जून 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंचने' के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई और भारत द्वारा 'आर्टेमिस समझौते' पर हस्ताक्षर करने के बाद, दोनों देश नागरिक, सुरक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष क्षेत्रों में सहयोग पर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए. इसमें मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान, संयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण और बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में हमारे साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी और भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों के बीच वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है.'
बयान में कहा गया कि ह्यूस्टन की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, फाइनर और कैंपबेल ने नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रतिनिधियों और अंतरिक्ष उद्योग के नेताओं से मुलाकात की, ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ती अंतरिक्ष साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए अवसरों की पहचान की जा सके.
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किन-किन प्रोजेक्ट्स में साझेदारी
व्हाइट हाउस ने कहा, 'वसंत 2025 में एक्सिओम-4 मिशन का लॉन्च अमेरिका-भारत अंतरिक्ष साझेदारी और स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.' बैठक में अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में की गई उपलब्धियों पर विचार किया और साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए अगले कदमों की रूपरेखा भी तैयार की.
भारत और अमेरिका मिलकर 2025 की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एनआईएसएआर) लॉन्च करने के लिए तैयार हैं. विशेषज्ञों ने अमेरिका और भारतीय स्टार्टअप के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक नए स्पेस इनोवेशन ब्रिज के क्रिएशन का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की. यह 'अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता, सेटेलाइट टेक्नोलॉजी और स्पेस लॉन्च और एक्सप्लोरेशन को आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगा.' (एजेंसी इनपुट)