Sudhanshu Trivedi New Year Wish: भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी अपनी बेबाकी और खूब सारे ज्ञान के लिए जाने जाते हैं. इतिहास की व्यापक जानकारी रखने वाले त्रिवेदी ने इस बार अनोखे अंदाज में न्यू ईयर की बधाई देकर सबका ध्यान आकर्षित किया है.
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Sudhanshu Trivedi New Year Wish: भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी अपनी बेबाकी और खूब सारे ज्ञान के लिए जाने जाते हैं. इतिहास की व्यापक जानकारी रखने वाले त्रिवेदी ने इस बार अनोखे अंदाज में न्यू ईयर की बधाई देकर सबका ध्यान आकर्षित किया है. दरअसल उन्होंने अंग्रेजी कैलेंडर के नए साल की बधाई दी और इसके इतिहास को एक लाइन में बयां कर दिया. उन्होंने अपनी न्यू ईयर विश की एक छोटी क्लिप भी एक्स पर पोस्ट की है.
सुधांशु त्रिवेदी का अनोखा अंदाज
भाजपा सांसद और अपने ज्ञानवर्धक बयानों के लिए चर्चित सुधांशु त्रिवेदी ने इस बार नए साल की बधाई देने का एक अनोखा तरीका अपनाया. इतिहास की गहरी समझ रखने वाले त्रिवेदी ने न केवल लोगों को शुभकामनाएं दीं.. बल्कि अंग्रेजी कैलेंडर के नए साल का इतिहास भी एक ही लाइन में समेट दिया. उनकी इस अनोखी बधाई ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया.
नए साल की ऐतिहासिक बधाई
सुधांशु त्रिवेदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक छोटी सी क्लिप पोस्ट की.. जिसमें उन्होंने नए साल की शुभकामनाएं दीं. साथ ही उन्होंने लिखा- 'रोमन देवता Janus के नाम पर आधारित, Pope Gregory XIII द्वारा 1582 संशोधित ग्रेगोरियन कैलेंडर के प्रथम दिन 1 जनवरी की शुभकामनाएं.'
रोमन देवता Janus के नाम पर आधारित, Pope Gregory XIII द्वारा 1582 संशोधित ग्रेगोरियन कैलेंडर के प्रथम दिन 1 जनवरी की शुभकामनाएँ pic.twitter.com/X7mH4My3PU
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) January 1, 2025
उनकी इस बधाई में न केवल नया साल मनाने की परंपरा का जिक्र था. बल्कि इसके पीछे छिपे ऐतिहासिक तथ्यों को भी उजागर किया गया. यह त्रिवेदी की खासियत है कि वह किसी भी सामान्य विषय को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोड़कर पेश करते हैं.
अंग्रेजी कैलेंडर और 1 जनवरी का इतिहास
त्रिवेदी के इस बयान ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है. इसका इतिहास रोमन साम्राज्य और ग्रेगोरियन कैलेंडर से जुड़ा हुआ है.
रोमन देवता जैनस
1 जनवरी का संबंध रोमन देवता जैनस (Janus) से है.. जिसे शुरुआत और अंत का देवता माना जाता है. जैनस के दो चेहरे होते हैं.. एक अतीत की ओर और दूसरा भविष्य की ओर देखने वाला. इसी प्रतीकात्मकता के कारण रोमन साम्राज्य में 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत के रूप में चुना गया.
ग्रेगोरियन कैलेंडर का उदय
हालांकि, रोमन कैलेंडर में कई गलतियां थीं.. जिन्हें ठीक करने के लिए 1582 में पोप ग्रेगोरी XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर पेश किया. इस कैलेंडर ने रोमन कैलेंडर की खामियों को दूर किया और इसे अधिक सटीक बनाया. तभी से 1 जनवरी को आधिकारिक तौर पर नए साल की शुरुआत के रूप में मान्यता दी गई.
त्रिवेदी का बधाई देने का अंदाज
सुधांशु त्रिवेदी का यह अंदाज न केवल ज्ञानवर्धक था... बल्कि उन्होंने अपनी बधाई को इतिहास और संस्कृति के साथ जोड़कर एक अलग आयाम दिया. सोशल मीडिया पर उनकी इस पोस्ट को काफी सराहा जा रहा है. कई लोगों ने इसे रीट्वीट करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक बधाई नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक पाठ भी है.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
त्रिवेदी की पोस्ट पर यूजर्स ने दिलचस्प प्रतिक्रियाएं दीं. किसी ने इसे "ज्ञान से भरी बधाई" कहा, तो किसी ने लिखा- "इतिहास के बिना सुधांशु जी की बात पूरी नहीं होती." उनकी यह पोस्ट न केवल नए साल की शुभकामनाओं के लिए.. बल्कि अंग्रेजी कैलेंडर के इतिहास को जानने के लिए भी प्रेरित करती है.