Khanauri farmers protest: डल्लेवाल ने एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने की बात कही. वे बीमार हैं हालांकि उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है.
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Dallewal Kisan Mahapanchayat: न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आह्वान पर शनिवार को खनौरी में महापंचायत आयोजित की जा रही है. डल्लेवाल पिछले 39 दिनों से आमरण अनशन पर हैं. वैसे तो इस महापंचायत का मुख्य उद्देश्य उनकी मांगों को मजबूती देना है. लेकिन महापंचायत की तैयारी देखकर तो ऐसा लग रहा है जैसे वहां कोई भयंकर जलसा होने वाला है. महापंचायत में लाखों किसानों के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और अन्य राज्यों से जुटने की संभावना है.
खनौरी.. दो लाख किसान पहुंचेंगे..
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महापंचायत खनौरी में शनिवार सुबह 10 बजे शुरू होगी, जिसमें किसान नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक व सांस्कृतिक हस्तियां, और लोक कलाकार शामिल होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने इस आयोजन के लिए व्यापक तैयारी की है. अनुमान है कि लगभग दो लाख किसान और उनके परिवार यहां पहुंचेंगे. स्टेज पंजाब की पहली ट्राली और हरियाणा की अंतिम ट्राली के बीच लगाया गया है, जहां डल्लेवाल किसानों को संबोधित करेंगे.
किसान संगठन भी हैं सक्रिय..
महापंचायत स्थल पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हर 100 मीटर की दूरी पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं ताकि डल्लेवाल का संदेश पांच किलोमीटर के दायरे में सुना जा सके. झंडों से स्थल को सजाया गया है और सुरक्षा के लिए किसान संगठनों ने कड़ी निगरानी का इंतजाम किया है. शुक्रवार रात तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया.
महापंचायत को लेकर डल्लेवाल ने क्या कहा है..
शुक्रवार को डल्लेवाल ने 70 सेकंड के वीडियो संदेश में किसानों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में खनौरी पहुंचें. उन्होंने कहा कि मैं आपसे मिलना चाहता हूं और हमारे संघर्ष को आगे बढ़ाने का आह्वान करना चाहता हूं. डल्लेवाल ने एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने की बात कही. वे बीमार हैं हालांकि उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनका स्वास्थ्य गंभीर हो गया है.
आंदोलन पर सरकार और अदालत का रुख
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केवल डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की है और उन्हें चिकित्सा सहायता देने की सलाह दी है. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर "अड़ियल रवैया" अपनाने का आरोप लगाते हुए सीधी बातचीत की मांग की है.
फिलहाल यह महापंचायत चर्चा में है. साथ ही किसानों के संघर्ष में एक अहम कड़ी मानी जा रही है. किसान संगठनों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा. डल्लेवाल का यह अनशन सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश कर रहा है. यह देखना बाकी है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है या फिर किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं.