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Morbi bridge collapse update: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना एक सस्पेंशन ब्रिज गिरने से करीब 134 लोगों की मौत हो गई. हादसे में कई मासूम बच्चों की भी जान चली गई. मोरबी हादसे की तस्वीरें देखकर लोग स्तब्ध है. सैकड़ों परिवारों में मातम पसरा है. इस बीच राज्य सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है. मुआवजा भले ही ऐसे हादसों में हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है, इसके बावजूद सही समय पर मिलने वाली मदद परिवारों के बाकी बचे लोगों को ऐसे नाजुक वक्त में आने वाली दूसरी मुसीबतों से बचा लेती है. इस बीच खबर आ रही है कि इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि किसी दुर्घटना के 24 घंटे बीतने से पहले मृतकों के परिवार के खाते में मुआवजे की मदद राशि जमा करा दी जाएगी.
घायलों को भी मिलेगा मुआवजा
सरकार ने साफ किया है कि मोरबी हादसे में जख्मी और घायल हुए लोगों के परिवार के सदस्यों को भी इसी दौरान मुआवजा दे दिया जाएगा. मोरबी हादसे में प्रभावित हर एक शख्स के खाते में सरकार एक साथ मुआवजे की ये रकम क्रेडिट कर देगी. ताजा जानकारी के मुताबिक आज शाम 4 बजे तक मृतकों के अधिकांश परिवारों के खातों में सरकारी सहायता राशि हर हाल में जमा हो जाएगी.
ज़ी न्यूज़ के पास कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी
इस ब्रिज के संचालन से जुड़ी कुछ बड़ी जानकारी को आपतक पहुंचाने से पहले बताते चलें कि मौत के इस पुल के संचालन के कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी ज़ी न्यूज़ के पास मौजूद है. जिससे मिली जानकारी के मुताबिक इस ब्रिज के संचालन की जिम्मेदारी एक अनुबंध के तहत 15 साल के लिए यानी मार्च 2022 से 2037 तक मोरबी नगर पालिका (morbi municipality) द्वारा अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (Ajanta manufacturing pvt ltd ) को दी गई थी. इसी अनुबंध के तहत टिकट के दाम बढ़ाने के नियम भी पहले ही तय कर दिए गए थे. जिसके तहत टिकट की कीमत एक साल का वक्त पूरा होने के बाद ही बढ़नी चाहिए थी. उदाहरण के लिए पहले साल 15 रु. दूसरे साल 17, तीसरे साल 19 रु के हिसाब से दाम बढ़ाए जाने थे. कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी यहां देखिए.
क्या इस वजह से हुआ हादसा?
इस समझौते में लिखा था कि कंपनी को इस ब्रिज के रखरखाव के लिए 8-12 महीने का वक्त दिया जाना चाहिए था. और यहीं पर इस कंपनी यानी अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के लोगों से बहुत बड़ी चूक हो गई क्योंकि कंपनी ने केवल 5 महीने में पुल को खोल दिया. आपको बताते चलें कि इस पुल की सफाई और बाकी मेंटिनेंस की जिम्मेदारी इसी प्राइवेट कंपनी को दी गई थी. इन समझौतों पर लंबे मंथन के बाद जनवरी 2020 को फैसला लिया गया. उस अहम बैठक में कलेक्टर कार्यालय अजंता व मोरबी नगर पालिका के जिम्मेदार लोग मौजूद थे. आखिरकार मार्च, 2022 में इस समझौते पर दस्तखत हुए थे.
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोला गया ब्रिज
मोरबी हादसे की जांच के आदेश दिये जा चुके हैं. इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि ब्रिज का संचालन करने वाली कंपनी ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल किए इसे जनता के लिए खोल दिया था.
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