300 Crore Bribery Case: पूछताछ के लिए सीबीआई के ताजा नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, ‘‘मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं. हो सकता है, इसलिए मुझे बुलाया गया हो. मैं किसान का बेटा हूं, मैं घबराऊंगा नहीं. मैं सच के साथ खड़ा हूं.’’
Trending Photos
Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर में बीमा घोटाला मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की. यह घोटाला मलिक के इस बयान के बाद सामने आया था कि उन्हें इससे जुड़ी फाइल को मंजूरी देने के लिए घूस की पेशकश की गई थी. सीबीआई की एक टीम मलिक से पूछताछ करने दिल्ली के आर के पुरम स्थित उनके सोम विहार आवास पर सुबह करीब 11. 45 बजे पहुंची.
अधिकारियों के मुताबिक, करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई. उन्होंने कहा कि इस दौरान पिछले साल सीबीआई के पास दर्ज कराए गए मलिक के बयानों में किए गए दावों के बारे में उनसे कई सवाल किए गए.
7 महीने में दूसरी बार मलिक से सीबीआई ने पूछताछ की. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रहे मलिक इस मामले में अभी तक आरोपी या संदिग्ध नहीं हैं. बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय के भी वह राज्यपाल रह चुके हैं. पिछले साल अक्टूबर में उनका बयान दर्ज किया गया था.
पूछताछ के लिए सीबीआई के ताजा नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, ‘‘मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं. हो सकता है, इसलिए मुझे बुलाया गया हो. मैं किसान का बेटा हूं, मैं घबराऊंगा नहीं. मैं सच के साथ खड़ा हूं.’’
क्या है मामला
सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस योजना के ठेके देने में और जम्मू कश्मीर में कीरू हायड्रो पावर प्रोजेक्ट से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के कंस्ट्रक्शन वर्क में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों में दो एफआईआर दर्ज की थी.
मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे, उस दौरान उन्हें दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. वह 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे.
एजेंसी ने जम्मू कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस स्कीम से जुड़ी अपनी FIR में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया है. इस स्कीम को 31 अगस्त 2018 को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में मलिक ने मंजूरी दी थी. बाद में इसको रद्द कर दिया गया था.
क्या है एफआईआर में
एक एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अज्ञात लोक सेवकों और अन्य लोगों के साथ साजिश और मिलीभगत से जम्मू कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करके क्रिमिनल मिसकंडक्ट किया.
यह आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने 2017 से 2018 की अवधि के दौरान खुद को आर्थिक लाभ और राज्य के खजाने को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया और इस तरह, जम्मू कश्मीर की सरकार को धोखा दिया. कीरू हायड्रो पावर प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में ठेके देने में गड़बड़ी के को लेकर दूसरी FIR में सीबीआई ने आरोप लगाया कि ई-टेंडर से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया.
(PTI की रिपोर्ट)