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Pakistan hope for help from India: पाकिस्तान इस वक्त भीषण बाढ़ से जूझ रहा है और देश के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं. लेकिन पड़ोसी मुल्क भारत से उसने अपने रिश्ते खराब कर रखे हैं और ऐसे में अब उसे मदद की दरकार है. लेकिन क्या भारत बाढ़ से त्रस्त पाकिस्तान की मदद करेगा? इस सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान में राहत सहायता भेजने के बारे में कोई जानकारी नहीं है और बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संवेदना जताने को कारोबार या अन्य बातों से जोड़ना ठीक नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पड़ोसी देश में आई बाढ़ के कारण तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया था और प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों एवं घायलों के प्रति संवेदना प्रकट की थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को कारोबार या अन्य बातों से जोड़ने की बात उन्हें समझ नहीं आ रही. पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों को भारत से राहत सहायता भेजने को लेकर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है.
बागची ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच कुछ स्तर पर कारोबार शुरू करने को लेकर पाकिस्तान की मीडिया में आई खबरों को देखा है, लेकिन उनके पास इस बारे में कहने को कुछ नहीं है. प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में उन्हें जब जानकारी मिलेगी तब बतायेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही पर सोमवार को दुख जताते हुए पड़ोसी देश में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद जताई थी. पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ से 1100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और काफी सम्पत्ति का नुकसान हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने संकट से निपटने के लिए सहायता की अपील की है. बाढ़ से देश की लगभग तीन करोड़ 30 लाख आबादी विस्थापित हुई है.
PM मोदी ने जताया था दुख
पड़ोसी देश में बाढ़ के हालात पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया था, 'पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुख हुआ. हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद करते हैं.' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विनाशकारी बाढ़ से हुए भारी नुकसान पर चिंता जताने के लिए बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था.
शरीफ ने ट्वीट किया था, ‘मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ के कारण हुए मानवीय और भौतिक नुकसान पर शोक जताने के लिए धन्यवाद देता हूं. अपने विशिष्ट गुणों के साथ पाकिस्तान के लोग, इंशाअल्लाह, इस प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करेंगे और अपने जीवन तथा समुदायों का पुनर्निर्माण करेंगे.’ वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने बुधवार को कहा था कि सरकार अपने गठबंधन सहयोगियों तथा अहम स्टेक होल्डर्स से विचार-विमर्श करने के बाद भारत से वस्तुओं के आयात के बारे में सोचेगी.
भारत-पाक के रिश्तों में खटास
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से हालात खराब हैं और खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. भारत से खाद्य वस्तुओं के आयात के बारे में वित्त मंत्री ने अपने विचार पहली बार सोमवार को जताए थे. भारत और पाकिस्तान के संबंध अक्सर कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं. हालांकि, भारत सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने, जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने और पांच अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद दोनों देशों के संबंध काफी खराब स्तर पर पहुंच गए थे.
(इनपुट: एजेंसी)
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