फोन को हमेशा उसी चार्जर से चार्ज करें, जो उसके साथ आया हो. आजकल स्मार्टफोन में यूनिवर्सल चार्जिंग इंटरफेस दिया जाता है, लेकिन अगर आप गलत चार्जर या कम वॉट (Watt) वाले चार्जर से फोन चार्ज करते हैं, तो बैटरी डैमेज हो सकती है. टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की सलाह है कि स्मार्टफोन को हमेशा ओरिजनल चार्जर से ही चार्ज करें.
कई लोग सस्ते या लोकल चार्जर से फोन चार्ज करने की गलती कर देते हैं. ऐसा करने से बैटरी खराब हो सकती है और फोन की परफॉर्मेंस भी प्रभावित होती है. लोकल चार्जर से फोन को ज्यादा या कम वोल्टेज मिल सकता है, जिससे बैटरी ओवरहीट हो सकती है. इसलिए हमेशा ब्रांडेड और ओरिजनल चार्जर का ही उपयोग करें.
जब भी आप फोन को चार्जिंग पर लगाएं, तो उसका बैक कवर निकाल दें. चार्जिंग के दौरान फोन गर्म होता है और अगर कवर लगा रहेगा, तो हीट बाहर नहीं निकल पाएगी. इससे बैटरी ज्यादा गर्म हो सकती है और ब्लास्ट का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए फोन को चार्जिंग के समय खुला रखें.
फास्ट चार्जर से फोन जल्दी चार्ज होता है, लेकिन यह बैटरी पर अतिरिक्त दबाव डालता है. हर फोन की बैटरी की क्षमता अलग होती है. उदाहरण के लिए, कुछ फोन 33W चार्जर सपोर्ट करते हैं, जबकि कुछ 65W तक सपोर्ट करते हैं. अगर आपका फोन 33W चार्जर के लिए बना है और आप 120W चार्जर से चार्ज करते हैं, तो इससे बैटरी जल्दी खराब होगी. इसलिए अपने फोन के अनुसार सही चार्जर चुनें.
बहुत से लोग आदत से रातभर फोन चार्जिंग पर छोड़ देते हैं, जो कि गलत है. सामान्य फोन 2 घंटे में फुल चार्ज हो जाता है, जबकि फास्ट चार्जिंग वाले फोन 45 मिनट में चार्ज हो जाते हैं. अगर आप फोन को पूरी रात चार्ज पर लगाए रखते हैं, तो बैटरी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उसकी लाइफ कम हो जाती है. इसलिए फोन को जरूरत के अनुसार ही चार्ज करें.
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