Delhi Election: इस बार 9 एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. वहीं दो में आम आदमी पार्टी के तीसरी बार जीतने का अनुमान लगाया है. वोटर्स का आखिरी फैसला चाहे कुछ भी हो, लेकिन पिछले एग्जिट पोल के नतीजों को देखकर एक सवाल जरूर उठता है कि इसे सत्य मानकर इतना हो-हल्ला क्यों हो रहा है.
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Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा का चुनाव बीत चुका है और अब सबकी निगाहें 8 फरवरी को सुबह आठ बजे से होने वाली काउंटिंग पर टिकी हैं. हालांकि मतदान और काउंटिंग के बीच में पार्टियों, मतदाताओं और राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए एग्जिट पोल भी आ चुके हैं. जब तक मतगणना शुरू नहीं होती तब तक एग्जिट पोल से ही काम चलाना होगा. इस बार के अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को सत्ता में आते दिखाया गया है. हालांकि 3 एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को भी सरकार बनाने दिखाया गया है. कुछ एग्जिट पोल में बेहद करीबी मुकाबला दिखाया गया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव की बात करें तो पिछले कई बार से यहां एग्जिट पोल सही अनुमान जाहिर करने में चूक गए हैं. इस बार भी एग्जिट पोल्स कसौटी पर कसे जाएंगे और देखना होगा कि मामला नजदीकी होता है या फिर एकतरफा.
सबसे पहले बात करते हैं 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हुए एग्जिट पोल की. तब आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी थी. तब आए एग्जिट पोल्स में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी. हालांकि भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाया गया था. औसतन 4 एग्जिट पोल्स में भाजपा को 35 सीटें दिखाई गई थीं, जो बहुमत से एक सीट कम था. तब यह जाहिर किया गया था कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों 17 सीटों तक पहुंचेंगे. हालांकि तब भाजपा 32, आम आदमी पार्टी 28 और कांग्रेस केवल 8 सीट जीतने में सफल रही थी. एक लिहाज से उस समय का एग्जिट पोल सही साबित हुआ था.
2015 के विधानसभा चुनाव के समय हुए एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत का अनुमान सामने आया था. हालांकि आम आदमी पार्टी कितने सीटों पर जीत हासिल करेगी, यह अनुमान लगाने में कई एग्जिट पोल पिछड़ गए थे. 6 एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को केवल 45, भाजपा को 24 तो कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान जाहिर किया गया था. हालांकि परिणाम सामने आया तो आम आदमी पार्टी 67, भाजपा 3 और कांग्रेस शून्य सीट पर सिमट गई थी.
2020 के विधानसभा चुनाव के समय 8 एग्जिट पोल्स ने आम आदमी पार्टी को 54 सीटें मिलने का अनुमान जाहिर किया था. तब भाजपा को 15 और कांग्रेस को लगभग शून्य सीट मिलने का अनुमान सामने आया था. कांग्रेस वाला अनुमान तो सही साबित हुआ पर आम आदमी पार्टी और भाजपा को सीटें मिलने का अनुमान फिर से गलत निकला. तब आम आदमी पार्टी 62 तो भाजपा केवल 8 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी.
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