Delhi Vidhasabha Chunav: दिल्ली के लोग कल यानी 5 फरवरी को अपने मत का प्रयोग करेंगे. यहां बड़ी संख्या में 30 साल से कम उम्र के मतदाता हैं. इसमें में सबसे छात्र-छात्राएं हैं. दिल्ली चुनाव के नतीजे इसके ऊपर ही निर्भर है.
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Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 30 साल से कम उम्र के मतदाताओं की संख्या अहम भूमिका निभाने वाली है. इनमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और रोजगार की तलाश कर रहे युवा शामिल हैं. इस वर्ग में नौकरी करने वाले युवा भी हैं, जिनका रुख चुनाव के परिणामों पर असर डाल सकता है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 27 लाख से ज्यादा युवा मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 17.4% हैं. यह बड़ा वोट बैंक किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि जो पार्टी इस वर्ग को अपने पक्ष में कर सकती है, वही सरकार बना सकती है.
इतने लाख हैं फर्स्ट टाइम वोटर्स
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2 लाख से ज्यादा पहली बार वोट डालने वाले युवा भी हैं. ये युवा मतदाता कम अंतर से जीत-हार होने वाली विधानसभा सीटों पर निर्णायक साबित हो सकते हैं. हर सीट पर औसतन 40 हजार युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 30 साल से कम है, और इनका वोट ही जीत-हार का फैसला करेगा. युवाओं को आकर्षित करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने बेरोजगारी खत्म करने का एक वादा किया है. दिल्ली में 1.9% बेरोजगारी दर को दूर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि दिल्ली में कोई भी बेरोजगार न रहे अरविंद केजरीवाल ने अभियान चलाने का भरोसा भी दिलाया है. AAP के इस वादे के मुकाबले, बीजेपी और कांग्रेस ने बेरोजगारी की समस्या तो उठाई है, लेकिन उसके समाधान पर कोई ठोस योजना नहीं पेश की है, जिससे आम आदमी पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है.
स्टूडेंट्स का पसंदीदा कौन?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में छात्र और युवा मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं, खासकर शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर. AAP ने शिक्षा सुधार और छात्र समुदाय को आकर्षित करने के लिए शिक्षा क्रांति का बार-बार जिक्र किया है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने भी शिक्षा क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां बताई हैं, लेकिन इन दोनों पार्टियों का कहना है कि स्थिति पहले से खराब हुई है. इस मुद्दे पर छात्र समुदाय का क्या रुख होगा, यह चुनाव परिणाम पर प्रभाव डाल सकता है.
मुफ्त सफर का वादा
स्टूडेंट्स को आकर्षित करने के लिए AAP ने दिल्ली में बसों और मेट्रो में मुफ्त सफर का वादा किया है. इसके साथ ही पार्टी ने मेट्रो किराए को आधा करने का भी वादा किया है. आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से अपील की है कि यदि वे अपना हिस्सा कम करें तो दिल्ली सरकार और केंद्र मिलकर छात्रों के लिए मेट्रो को फ्री कर सकते हैं. इस मुद्दे पर बीजेपी की ओर से कोई साफ प्रतिक्रिया नहीं आई है.ॉ
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युवाओं के लिए मुफ्त सेवाएं
जबकि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पास युवाओं को मुफ्त सफर देने की कोई ठोस योजना नहीं है. आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर बढ़त ली है. पार्टी यह भी डर दिखा रही है कि अगर उनकी सरकार नहीं बनी तो छात्रों के लिए मुफ्त सफर की योजना बंद हो सकती है. इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने बिजली, पानी, इलाज और दवाइयों जैसी सेवाओं को भी मुफ्त देने का वादा किया है, जो युवाओं की रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती हैं.
आम आदमी पार्टी का विश्वास
आम आदमी पार्टी का मानना है कि युवाओं का एक बड़ा हिस्सा हमेशा उनके साथ रहा है. चाहे वो आंदोलन के दिन हों या पार्टी के गठन के समय. दिल्ली के युवाओं ने पार्टी का समर्थन किया है. इस बार भी आम आदमी पार्टी को विश्वास है कि 27 लाख से अधिक युवा मतदाता उनके पक्ष में वोट करेंगे, और पार्टी को उनके लिए सकारात्मक वोट मिलने की उम्मीद है. वहीं, नकारात्मक वोट बीजेपी और कांग्रेस के बीच बांटे जा सकते हैं.