Amritsar BR Ambedkar Statue: दिल्ली में कचरे की समस्या को लेकर कांग्रेस ने आप सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ लोगों की जिंदगी पर बुरा असर डाल रहे हैं और आप सरकार इसे ठीक करने में नाकाम रही है.
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Amritsar BR Ambedkar Statue: पंजाब के अमृतसर में गणतंत्र दिवस के दिन एक गंभीर घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया. टाउन हॉल इलाके में कुछ युवकों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को हथौड़े से खंडित कर दिया. इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उबाल ला दिया.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अमृतसर में बाबा साहेब की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की जाती है और प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित होता है. आम आदमी पार्टी की सरकार में दलित और अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस ने इस घटना को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा बनाने की योजना बनाई है. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पहले से ही दलित और मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए रणनीति बना रही थी. अब इस घटना के बाद कांग्रेस को AAP के खिलाफ एक सशक्त हथियार मिल गया है. कांग्रेस का दावा है कि AAP सरकार दलित और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही है.
दिल्ली में कचरे के मुद्दे पर भी कांग्रेस ने AAP सरकार को घेरने की कोशिश की. देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं और AAP सरकार इस समस्या को हल करने में नाकाम रही है. उन्होंने वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई, तो कचरे के पहाड़ का समाधान उनकी प्राथमिकता होगी. इस घटना ने एक बार फिर राजनीति में दलित अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है. कांग्रेस इस मुद्दे को न केवल दिल्ली, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है. पार्टी का मानना है कि बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के साथ हुई इस बेअदबी को जनता के बीच लेकर जाना, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों का विश्वास जीतने में सहायक हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना कांग्रेस और AAP के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन सकती है. इस मुद्दे का प्रभाव केवल पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह दिल्ली चुनाव में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है.
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