Haryana News: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वोकल फॉर लोकल योजना का उद्देश्य कामगारों और कारीगरों के रोजगार को बढ़ावा देना है. मेले में देश-विदेश से आए कलाकार अपनी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शकों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.
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Ballabarh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वोकल फॉर लोकल योजना का उद्देश्य कामगारों और कारीगरों के रोजगार को बढ़ावा देना है और यह योजना अब सूरजकुंड मेला में सफलता की मिसाल बन रही है. इस बार के 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में फरीदाबाद और आस-पास के राज्यों के कई कारीगर मिट्टी से बने बर्तनों के स्टॉल लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं.
देश-विदेश से आए कलाकार
मेले में देश-विदेश से आए कलाकार अपनी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शकों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. इस बार मिट्टी के बर्तनों की संख्या में भी अच्छी खासी वृद्धि देखी जा रही है. पर्यटक इन बर्तनों की खरीदारी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अलग-अलग आकार-प्रकार के बर्तन, जैसे कप, गिलास, बोतल, कुक्कर, कढ़ाई, तवा, केतली, लोटा, गुल्लक, जग, ट्रे और बच्चों के खिलौने, 50 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की कीमतों में उपलब्ध हैं.
दिल्ली से आई एक पर्यटक महिला ने बताया कि सूरजकुंड मेला आकर उन्हें बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है. उन्होंने कहा कि वह खुद भी आर्ट एंड क्राफ्ट करती हैं और इसी कारण उन्हें यहां आकर विशेष रूप से खुशी हो रही है. मिट्टी के बर्तनों को लेकर उनका कहना था कि ये न केवल आकर्षक हैं, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं.
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कला और शिल्प देखने को मिलेंगे
इसी तरह, सूरजकुंड मेले में घूमने आए ध्रुव ने बताया कि उन्हें यहां अलग-अलग राज्यों की कला और शिल्प देखने को मिली. उन्होंने पेंसिल और पेन जैसी कारीगरी की वस्तुएं खरीदी और कहा कि मेले में शहरों और कलाओं का अद्भुत मिश्रण देखने को मिल रहा है. इस साल का सूरजकुंड मेला न केवल शिल्प कला के लिए, बल्कि स्थानीय कारीगरों के रोजगार के अवसर बढ़ाने और पारंपरिक कला को प्रोत्साहित करने का भी महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है.
Input- Amit Chaudhary