Babri Masjid Demolition: बीजेपी ने कहा कि मंदिर का निर्माण अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के ठीक एक साल बाद 22 जनवरी, 2025 को शुरू होगा. भाजपा के बरहामपुर संगठनात्मक जिला अध्यक्ष शाखाराव सरकार ने कहा कि मंदिर के लिए जमीन की पहचान पहले ही कर ली गई है.
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Ayodhya Ram Temple: ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी की तर्ज पर मस्जिद बनाने का ऐलान क्या किया, बीजेपी फायर हो गई. कबीर ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी जैसी मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रखा था. अब बीजेपी की मुर्शिदाबाद यूनिट ने शुक्रवार को बरहामपुर में राम मंदिर निर्माण का ऐलान कर दिया.
बीजेपी ने राम मंदिर पर किया ये ऐलान
बीजेपी ने कहा कि मंदिर का निर्माण अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के ठीक एक साल बाद 22 जनवरी, 2025 को शुरू होगा. भाजपा के बरहामपुर संगठनात्मक जिला अध्यक्ष शाखाराव सरकार ने कहा कि मंदिर के लिए जमीन की पहचान पहले ही कर ली गई है. इस प्रोजेक्ट पर 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. कबीर ने मंगलवार को कहा था कि वह मुर्शिदाबाद जिले में 2025 तक बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद का निर्माण कराएंगे. कबीर के इस बयान की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है.
टीएमसी ने किया कबीर के बयान से किनारा
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली TMC पहले ही कबीर के बयान से खुद को अलग कर चुकी है. कबीर अक्सर अपनी विवादित टिप्पणियों कारण सुर्खियों में रहते हैं. इससे पहले कबीर ने कहा था, '2025 तक मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद का निर्माण होगा.' यह परियोजना 1992 में अयोध्या में ध्वस्त की गई ऐतिहासिक मस्जिद को एक श्रद्धांजलि होगी.' मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद के भरतपुर से विधायक कबीर ने कहा था कि मस्जिद राज्य की '34 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी' की आकांक्षाओं को दिखाएगी.
बीजेपी ने बोला था कबीर के बयान पर हमला
उनके इस ऐलान पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि यह राजनीतिक फायदे के लिए समुदायों के ध्रुवीकरण करने की कोशिश है. तृणमूल इस तरह के भड़काऊ बयान देकर जानबूझकर आग से खेल रही है. वहीं मुर्शिदाबाद से संबंध रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कबीर की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना और विभाजनकारी बताया था.
माफी मांग चुके हैं हुमायूं कबीर
वहीं जब आलोचनाएं बढ़ीं तो कबीर ने जवाब में कहा था, 'इसका मकसद विभाजन पैदा करना नहीं, विरासत को संरक्षित करना है. मैं बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर मुसलमानों के महसूस किए गए दर्द को बयां कर रहा था. मेरा बयान भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, न कि भड़काने के इरादे को.' कबीर ने पिछले महीने पार्टी आलाकमान से अपनी उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के अहम निर्णयों को एक 'मंडली' प्रभावित कर रही है.