सीवान: सीवान के लकड़ी नवीगंज प्रखंड के खवासपुर गांव में दो संदिग्ध मौतों के बाद पुलिस और उत्पाद विभाग ने क्षेत्र में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया. इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है. भारी संख्या में पुलिस बल के साथ हुई इस कार्रवाई ने शराब माफिया और कारोबारियों के बीच हड़कंप मचा दिया है.
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सीवान: सीवान के लकड़ी नवीगंज प्रखंड के खवासपुर गांव में दो संदिग्ध मौतों के बाद पुलिस और उत्पाद विभाग ने क्षेत्र में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया. इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है. भारी संख्या में पुलिस बल के साथ हुई इस कार्रवाई ने शराब माफिया और कारोबारियों के बीच हड़कंप मचा दिया है.
क्या है पूरा मामला?
खवासपुर गांव में मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में छह लोग बीमार हो गए थे, जिनमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में शराब कारोबारी अमरजीत राय और अशोक राय शामिल हैं. अमरजीत राय की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई, जबकि अशोक राय ने निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया. घटना के बाद एक अन्य व्यक्ति को पटना रेफर किया गया है, जिसकी स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है. उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई है. मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि यह मौतें जहरीली शराब के सेवन के कारण हुई हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ने इस पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
पुलिस और उत्पाद विभाग की कार्रवाई तेज
घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए खवासपुर और आस-पास के शराब प्रभावित इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की. इस दौरान शराब कारोबार से जुड़े दो महिलाओं समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. गांव के कई हिस्सों में छिपाकर रखी गई अवैध शराब जब्त की गई है. इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल शामिल था, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया.
घटना के बाद गांव में मातम और हड़कंप
घटना के बाद से खवासपुर गांव में मातम का माहौल है. मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, छापेमारी की खबर से शराब माफियाओं में दहशत फैल गई है. कई संदिग्ध कारोबारी फरार हो गए हैं.
प्रशासन की सतर्कता तेज
जिला प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लिया है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि जहरीली शराब के कारोबार को रोकने के लिए आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी. साथ ही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब के कारोबार की गंभीरता को उजागर किया है. प्रशासन की सख्ती और लोगों की जागरूकता ही इस समस्या का समाधान हो सकती है.