PMCH Chanakya Hostel: पीएमसीएच के चाणक्या हॉस्टल के जिस रूम में आग लगी थी, वहां आखिर हो क्या रहा थ. लाखों के नोट, ओएमआर शीट, प्रवेश पत्र, मोबाइल और टैब आखिर आए कहां से. क्या इस रूम से मुन्ना भाई वाला धंधा हो रहा था.
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बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच के चाणक्य हॉस्टल के रूम में लगा आग तो बुझा दी गई, लेकिन आग बुझाने के बाद अग्निशमन विभाग की टीम ने जब छानबीन की तो वहां से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. टीम ने रूम से लाखों के जले हुए नोट, मोबाइल, टैब, ओएमआर शीट, एडमिट कार्ड और दारू के अलावा कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए. इसके बाद पुलिस ने इन सब सामानों को जब्था कर जांच शुरू कर दी है. जिस छात्र के नाम से हॉस्टल का रूम अलॉट हुआ था, वह मौके से फरार बताया जा रहा है. फरार छात्र को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार रेड डाल रही है. सवाल यह भी है कि आग किसी कारण से लगी थी या फिर सबूतों को मिटाने के लिए लगाई गई थी.
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पीएमसीएच के चाणक्य हाॅस्टल में कल दूसरे तल्ले पर मेडिकल स्टूडेंट अजय सिंह के रूम में आग लग गई थी. सूचना पर फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया. अजय सिंह के रूम से 10-12 लाख के 500-500 और 100-100 के जले हुए नोट बरामद किए गए हैं. इसके अलावा नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड के अलावा आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का जला हुआ ओएमआर शीट के साथ एक शराब की आधी खाली बोतल भी मिली है.
जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर निवासी अजय कुमार सिंह 2022 में पीजी पास कर चुका है और छठी मंजिल पर रूम नम्बर 625, दूसरी मंजिल पर एक रूम (रूम नम्बर नहीं लिखा हुआ है) और ग्राउंड फ्लोर पर किसी दूसरे डॉक्टर के नाम पर अलॉट किया हुआ रूम कब्जाए हुए है. इस मामले में केयर टेकर अनिल कुमार ने कहा कि नोटिस भी चस्पा किया गया था. साथ ही कई बार रूम खाली करने काे कहा गया पर उसने रूम खाली नहीं किया. माना जा रहा है कि वह मोटी रकम लेकर एमबीबीएस और नीट यूजी में स्काॅलरों को बैठाता है.
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यहीं नहीं, वह एमबीबीएस के इंटरनल एग्जाम में भी एमबीबीएस पास आउट काे बैठाकर मेडिकल स्टूडेंट काे पास कराता है. कहा जा रहा है कि बुधवार काे अजय हाॅस्टल पहुंचा था और रूम की हालत देखकर भड़क गया था. वहां रह रहे जूनियर डाक्टराें के साथ उसकी मारपीट भी हुई थी. इसी बीच पीरबहोर थाना के अपर थाना अध्यक्ष अरुण कुमार, पीएसआई रोहित पासवान वहां पहुंचे और अजय कुमार सिंह को लेकर वहां से टीओपी चले गए. वहां से अजय कुमार सिंह को छोड़ दिया गया.
बता दें कि अगर पीएमसीएच के किसी भी डॉक्टर को पुलिस डिटेन करती है तो इससे पहले पीएमसीएच प्रशासन को सूचना देनी होती है. इसके अलावा, डॉक्टर का आधार कार्ड या एडमिट कार्ड या आई कार्ड पुलिस अपने पास रखती है लेकिन पीरबहोर थाना पुलिस ने ऐसा नहीं किया बल्कि उसे बिना पीआर बांड के ही छोड़ दिया. पीरबहोर थानेदार ने पीएमसीएच के अधीक्षक को भी फोन लगाया लेकिन अधीक्षक ने फोन नहीं उठाया. हैरानी की बात यह है कि जब थाना प्रभारी ने प्रिंसिपल को फोन लगाया तब प्रिंसिपल ने जवाब दिया कि अभी छोड़ दीजिए. कल मैं इसे देखता हूं.
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अजय कुमार सिंह के रूम से आपत्तिजनक सामान मिलने के बाद टाऊन डीएसपी अशोक कुमार सिंह, पीरबहोर थाना प्रभारी मोहम्मद हलीम के साथ पीएमसीएच टीओपी प्रभारी शुभम कुमार माैके पर पहुंचे और मामले की छानबीन में जुट गए हैं.