Shani Margi 2024: वर्तमान में शनि वक्री (Shani Vakri) हैं, यानी वे उल्टी चाल चल रहे हैं. 15 नवंबर 2024 को शनि मार्गी (Shani Margi) होंगे, यानी सीधी चाल चलने लगेंगे. अभी शनि कुंभ राशि में गोचर (Shani Gochar) कर रहे हैं. 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि (Meen Rashi) में प्रवेश करेंगे.
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Shani Dev: शनि देव का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलता है, जहां उन्हें एक क्रूर ग्रह के रूप में माना गया है, जिससे लोग अक्सर भयभीत होते हैं. यही कारण है कि आज के समय में शनि ग्रह की चर्चा सबसे ज्यादा होती है. लेकिन शनि देव कौन हैं और उनके जीवन में क्या महत्व है, इस बारे में लोगों की जानकारी कम होती है. इसी वजह से शनि देव के बारे में कई गलतफहमियां भी हैं. आचार्य मदन मोहन के अनुसार ऋग्वेद में शनि को पाप और रोगों का नाश करने वाले देवता बताया गया है, जबकि अथर्ववेद में उनकी प्रार्थना के लिए एक श्लोक मिलता है. शनि का हमारे जीवन में आने वाले सुख-दुख से गहरा संबंध है.
शनि की चाल (Shani Ki Chaal)
आचार्य मदन मोहन के अनुसार शनि की गति बहुत धीमी होती है, इसी वजह से इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'धीमी गति से चलने वाला'. शनि ग्रह, बृहस्पति (Jupiter) से छोटा होता है. वर्तमान में शनि वक्री (Shani Vakri) चाल में हैं, यानी उल्टी चाल चल रहे हैं. 15 नवंबर 2024 को वे मार्गी (Shani Margi 2024) होंगे. इस समय शनि कुंभ राशि में गोचर (Shani Gochar) कर रहे हैं और 29 मार्च 2025 को मीन राशि (Meen Rashi) में प्रवेश करेंगे.
शनि का सिद्धांत: सत्य और अनुशासन
साथ ही शनि देव को सत्य और अनुशासन पसंद हैं. वे झूठ और दिखावे को सहन नहीं करते है, जो लोग सत्य के मार्ग पर चलते हैं और नियमों का पालन करते हैं, शनि उन्हें शुभ फल देते हैं. शनि कहते हैं कि जो लोग अपने लक्ष्य की ओर अनुशासन के साथ बढ़ते हैं और खुद की क्षमताओं को पहचानते हैं, वे जीवन में सर्वोच्च पद पाते हैं. यही कारण है कि जिन नेताओं की कुंडली में शनि मजबूत होता है, वे उच्च पद पर आसीन होते हैं.
शनि: दुखों का हरने वाला देवता
आचार्य के अनुसार शनि देव को अक्सर दुख देने वाला ग्रह माना जाता है, लेकिन वे वास्तव में दुखों को दूर करने वाले हैं. दुख का मुख्य कारण लोभ है, जो सभी बुराइयों की जड़ है. शनि कर्म प्रधान देवता हैं और कहते हैं कि जो लोग मेहनत से कुछ हासिल करना चाहते हैं, उन्हें अपने कर्म पर भरोसा करना चाहिए. लोभ या लालच के कारण गलत काम नहीं करने चाहिए, जो लोग अनैतिक तरीके से सफलता हासिल करते हैं, शनि उन्हें सख्त सजा देते हैं. शनि देव का संदेश है कि अपने कर्म को शुद्ध रखो, आलस्य छोड़ो और कठोर मेहनत करो. सही और गलत का अंतर समझो और सही का साथ दो, गलत का त्याग करो. शनि देव कहते हैं कि जो लोग इन सिद्धांतों का पालन करते हैं, वे जीवन में सफल होते हैं और सभी विघ्न-बाधाओं को पार कर जाते हैं.
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