पटना: शांत होने लगी गंगा, लोगों ने ली राहत की सांस
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पटना: शांत होने लगी गंगा, लोगों ने ली राहत की सांस

पटना के एनआईटी घाट पर गंगा का जलस्तर 48.47 मीटर हो चुका है, जो खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर कम है. ऐसे में घाट पर स्थिति भी सामान्य होने लगी है.

 

 गंगा के जलस्तर में लगातार कमी आने लगी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: गंगा के जलस्तर में लगातार कमी आने लगी है. लिहाजा पटना पर मंडरा रहा बाढ़ (Bihar Flood) का खतरा भी अब टल गया है. जिस एनआईटी घाट पर सीने भर पानी पहुंच चुका था और गंगा नदी घाट से बहुत आगे आ चुकी थी, आज वहां वाटर लेवल खतरे के निशान से नीचे जा चुका है. इसके चलते लोगों ने भी राहत की सांस ली है और घाट पर एक बार फिर से आवाजाही बढ़ चुकी है.

बता दें कि गंगा नदी में हर दो घंटे के अंदर 1 सेंटीमीटर की कमी आ रही है. पटना के एनआईटी घाट पर गंगा का जलस्तर 48.47 मीटर हो चुका है, जो खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर कम है. ऐसे में घाट पर स्थिति भी सामान्य होने लगी है.

उफनती गंगा की लहरों की वजह से लोगों के मन में डर समा गया था लेकिन जैसे-जैसे जलस्तर में कमी आ रही है, वैसे-वैसे गंगा नदी के किनारे उसकी प्राकृतिक छटा को निहारने के लिए लोगों की आवाजाही भी शुरू हो गई है.

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वहीं, घाट किनारे रहने वाली एक महिला ने भी अपनी व्यथा बताई और कहा कि जब गंगा शहर में समाने के लिए आतुर थी तो किस परिस्थिति में उनकी जिंदगी गुजर बसर हो रही थी. घर में पानी प्रवेश कर चुका था. पानी में सांप, बिछु और अन्य जीव जंतुओं के आने से जिन्दगी पर खतरा मंड़राता रहता था. हालांकि, अब उन्होंने भी राहत की सांस ली है.

गंगा जीवनदायिनी है. गंगा जब उफान पर होती है तो उसका अंदाज ही निराला होता है लेकिन यही गंगा जब प्रचंड रूप धारण कर ले तो लोगों की जिंदगी तबाह होने लगती है.

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