बिहार के इस स्टेशन का बदला जाएगा नाम, नीतीश कुमार ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
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बिहार के इस स्टेशन का बदला जाएगा नाम, नीतीश कुमार ने रेल मंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को 8 करोड़ 74 लाख 75 हजार 500 रुपये की लागत से बक्सर जिला के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा ब्रहमेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है.

पटना: बिहार में भी अब स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के नजदीक स्थित रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ रेलवे स्टेशन किया जाए. इसके लिए राज्य सरकार सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को 8 करोड़ 74 लाख 75 हजार 500 रुपये की लागत से बक्सर जिला के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया.

बाबा ब्रहमेश्वर नाथ मंदिर, ब्रह्मपुर मे आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 874.75 लाख रुपये की लागत से मंदिर परिसर के पास 5 एकड़ में अवस्थित प्राचीन तालाब का जीर्णोद्धार, मंदिर परिसर की घेराबंदी सहित कई कार्य किए जायेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा ब्रहमेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के द्वारा ही इस मंदिर की स्थापना करायी गयी है जिसके कारण इस मंदिर का नाम ब्रहमेश्वर नाथ मंदिर पड़ा है. बाबा ब्रहमेश्वर नाथ मंदिर का बड़ा महत्व है. शादी-विवाह करने के लिए लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं. बक्सर के रामरेखा घाट से गंगाजल लेकर भक्त यहां जलाभिषेक करने के लिए सावन के महीने में बड़ी संख्या में पहुँचते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में ही बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिर जो धार्मिक न्यास परिषद से जुड़े हुये हैं, उनकी चहारदीवारी के निर्माण का काम शुरू किया है. अब तक लगभग 295 मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. इस काम के पूरा होने के बाद चहारदीवारी हेतु उन सभी मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाएगा जहां श्रद्धालु पूजा करने पहुँचते हैं.

मंदिरों की घेराबंदी होने से श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. साथ ही मंदिर की जमीन अतिक्रमणमुक्त रहेगी और मंदिर परिसर से किसी वस्तु के चोरी होने का भय भी नहीं रहेगा.

(आईएएनएस)

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