Motihari News: मोतिहारी में पीएचडी विभाग की बड़ी हेर फेर सामने आई है. जिसके बाद इस बात की चर्चा है कि विभाग स्क्रैप पाइप का सौदा करने जा रही थी
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मोतिहारी: मोतिहारी में पीएचडी विभाग के स्टोर से बड़े पैमाने पर स्टोर में रखे सीआई पाइप बिक्री किए जाने की चर्चा जोरों पर है. हालांकि पूरा सिस्टम मामले को दबाने और लीपापोती करने में जुटा है. मामला मोतिहारी के पीएचडी डिविजन से जुड़ा है. दरअसल कल रविवार की रात में छुट्टी के दिन रात करीब आठ बजे एक पिकअप गाड़ी पर भारी मात्रा में लोहे का सीआई पाइप जो कि पिछले दस साल से चलन में नहीं है. उस सीआई पाइप लदे पिकअप को कल रात लगभग आठ बजे के करीब नगर थाना ने मोतिहारी के कचहरी चौक पर शक के आधार पर रोका और पिकअप सहित पीएचडी के दो कर्मियों और पिकअप के ड्राइवर को नगर थाना के हाजत में बंद कर दिया.
इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि ड्राइवर सहित दोनों कर्मियों को थाना लाया गया है. लेकिन इनके भागने की संभावना को देखते हुए इन्हें थाना के हाजत में बंद कर दिया गया है और संबंधित विभाग के अधिकारियों से पूछा जा रहा है कि उक्त सामान चोरी कर के भेजा जा रहा था कि लीगल तरीके से जा रहा था. जिसके बाद पीएचडी अधिकारियों के द्वारा नगर थाना को लिखित जवाब आया कि सामान पीएचडी के बेगमपुर स्थित स्टोर से बेलीसराय स्थित ऑफिस में भेजा जा रहा था. लेकिन पीएचडी के अधिकारियों के द्वारा लिखित जवाब आने के बाद भी आज तीन बजे तक सामान और पीएचडी के कर्मियों को नहीं छोड़ा गया था.
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता से जब पूछा गया कि क्या नगर थाना के द्वारा पकड़ा गया सामान आपके विभाग का है और क्या आपके द्वारा उसको छोड़ने के लिए पत्र लिखा गया है? तो उन्होंने बताया कि अभी हम पटना में है आपसे सहायक अभियन्ता या चन्दन बात कर लेंगे. उसके बाद ना तो चंदन का फोन आया और ना ही सहायक अभियंता ने बाद में बात किया. कुछ देर के बाद नगर थाना में पहुंचे चंदन अपना परिचय ऑफिस के किरानी के रूप में देते हुए बताया कि सामान बेगमपुर वाले गोदाम से बेलीसराय स्थित ऑफिस में भेजा जा रहा था.
एक नजर में आपको लग रहा होगा यह मामला पूरी तरह पाक साफ है. नगर थाना ने शक के आधार सामान पकड़ा और विधि सम्मत कार्रवाई के बाद छोड़ दिया. मामले में कोई गड़बड़ी नहीं है. लेकिन अब जो हम आपको बताएंगे उससे आप भी सोचने और समझने पर मजबूर हो जाएंगे कि पीएचडी विभाग किस तरह नगर थाना के आंखों में धूल झोंक दिया. अब यही से पीएचडी विभाग और नगर थाना के कार्यशैली पर सवालों के दौड़ की शुरुआत होती है. पीएचडी के सूत्रों की माने तो स्क्रैप का पाइप बाजार में बिकने जा रहा था.
सवाल नंबर एक:रविवार के छुट्टी वाले दिन रात को आठ बजे किस हालात और परिस्थिति में गोदाम से सामान निकला?
सवाल नंबर दो: जब भी गोदाम से सामान निकलता है उसके साथ इंडेंड भी होता है तो गाड़ी के साथ इंडेंड क्यों नहीं था. अगर था तो नगर थाना ने पकड़ा क्यों?
सवाल नंबर तीन: अगर सबकुछ ठीक था तो रात में पकड़े सामान को विभागीय सामान बताने ने दूसरे दिन के दोपहर के बाद तक का समय क्यों लग गया?
सवाल नंबर चार: गोदाम से जब भी कोई सामान इश्यू होता है तो वह कार्य स्थल के लिए होता है तो उक्त सामान किस कार्य स्थल के लिए निकला था ?
सवाल नंबर पांच: नगर थाना के द्वारा जब्त पाइप सीआई मॉडल का है जो पिछले करीब दस साल से पीएचडी विभाग के उपयोग में नहीं है. तो यह किस कार्य स्थल के लिए जा रहा था?
सवाल नंबर छह : स्टोर से निकाला गया स्क्रैप वाला पाइप पीएचडी के बेलीसराय वाले ऑफिस में जा रहा था तो क्यों? तो क्या नगर थाना के द्वारा जब्त सामान को छोड़ने से पहले इन सभी बिंदुओं पर जांच नहीं नहीं करनी चाहिए थी?
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सवाल नंबर सात: अगर सर्किट हाउस के पास के बेगमपुर स्टोर से सामान को पीएचडी के बेलीसराय कार्यालय शिफ्ट किया जा रहा था तो क्यों? नगर थाना के द्वारा एक गाड़ी को पकड़े जाने से पहले और बाद में कितनी गाड़ी से सामान शिफ्ट किया गया है? और अगर नहीं तो कैसे समझा जाए की सामान शिफ्ट किया जा रहा था ?
इनपुट- पंकज कुमार
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