Bihar Teacher: सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने के मामलों की जांच जारी है. अब तक 10,519 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 2,724 शिक्षकों को दोषी पाया गया है. थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
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पूर्वी चंपारण: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में सरकारी स्कूलों में संविदा शिक्षक के रूप में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी कर रहे 14 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में चार महिलाएं भी शामिल हैं. यह कार्रवाई राज्य सतर्कता विभाग द्वारा की गई है. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) राजेश कुमार ने बताया कि इन शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच में उन्हें फर्जी पाया गया है.
कोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई जांच
जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच बिहार सतर्कता विभाग के निदेशक को 2006 से 2015 के बीच हुई भर्तियों में फर्जी डिग्री के इस्तेमाल के आरोपों की जांच करने के निर्देश पर शुरू की गई थी. जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले 14 आरोपी शिक्षक बिहार के विभिन्न जिलों से हैं. इनमें से पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर, केसरिया, हरसीडीह, चिरैया, सगौली, अरेराज और कल्याणपुर थानों में एफआईआर दर्ज की गई है.
प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक
डीएसपी राजेश कुमार के अनुसार संग्रामपुर थाने में पांच केसरिया और हरसीडीह में दो-दो, चिरैया में दो, सगौली, अरेराज और कल्याणपुर में एक-एक मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से चिरैया थाना क्षेत्र में मीरपुर गांव निवासी प्रभु प्रसाद और पीपरा थाना क्षेत्र के बाकरपुर गांव निवासी शीला कुमारी के खिलाफ फर्जी अंक पत्र के जरिए नौकरी करने का आरोप है. प्रभु प्रसाद मदीलवा गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं, जबकि शीला कुमारी माधोपुर गांव के अनुसूचित जाति टोला वार्ड नंबर 6 में कार्यरत हैं.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब पूर्वी चंपारण में शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आया हो. प्रखंड के सिरोना और खड़तरी पश्चिमी पंचायत के छह शिक्षकों को पहले ही फर्जी प्रमाण पत्र पाए जाने पर हटाया जा चुका है.
कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
सतर्कता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य भर में इस तरह के मामलों की जांच जारी है. अब तक कुल 10519 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 2724 शिक्षकों को आरोपी पाया गया है. थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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