केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह पोर्टल लॉन्च किया. उन्होंने चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी जारी किए. लॉन्च किए गए वेब पोर्टल में चंद्रयान-3 पर ग्राफिक उपन्यासों के रूप में रंग भरी जाने वाली किताबें, ऑनलाइन क्विज़, जिग्सॉ पहेली, चित्र निर्माण और प्रेरक कहानियों का एक संग्रह है.
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Chandrayaan-3: मंगलवार को दिल्ली में वेब पोर्टल 'अपना चंद्रयान' लॉन्च किया गया. इसमें मिशन चंद्रयान-3 पर स्कूली छात्रों के लिए गतिविधि-आधारित सहायता सामग्री जैसे कि क्विज़, पहेलियां आदि उपलब्ध हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह पोर्टल लॉन्च किया. उन्होंने चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी जारी किए. लॉन्च किए गए वेब पोर्टल में चंद्रयान-3 पर ग्राफिक उपन्यासों के रूप में रंग भरी जाने वाली किताबें, ऑनलाइन क्विज़, जिग्सॉ पहेली, चित्र निर्माण और प्रेरक कहानियों का एक संग्रह है.
प्रारंभिक और प्राथमिक स्तर के लिए पृष्ठ में रंग भरना, बिंदु से बिंदु मिलान गतिविधियां, निर्देशों के साथ कलर कोडिंग, आदि तैयार की गई हैं. इससे छात्रों में ध्यान से देखने का अभ्यास और जागरूकता विकसित होगी. प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तरों के लिए आपसी-संवाद आधारित ऑनलाइन क्विज़ होंगे, जिनमें उत्तरों के लिए व्याख्यात्मक फीडबैक भी शामिल होगा.
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागियों को डिजिटल प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे. पहले 1000 विजेताओं को आयु-उपयुक्त पुस्तकें प्रदान की जाएंगी. प्रारंभिक, प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक स्तरों के लिए जिग्सॉ पहेलियां और चित्र निर्माण भी विकसित किए गए हैं. साथ ही, ग्राफिक उपन्यासों के रूप में प्रेरक कहानियां भी होंगी, जिनमें उन घटनाओं वर्णन होगा, जिन्होंने इसरो की चंद्रयान 3 तक की यात्रा को अंतिम रूप दिया.
इनके अलावा, चंद्रयान 3 की सफलता पर हितधारकों के लिए कई भाषाओं में 10 विशेष मॉड्यूल जारी किए गए, जो भारतीय युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अधिक से अधिक उद्यम करने के लिए प्रेरित करेंगे. ये मॉड्यूल इसके विभिन्न पहलुओं का एक व्यापक परिदृश्य प्रदान करते हैं - जिसमें वैज्ञानिक, तकनीकी और सामाजिक पहलुओं के साथ-साथ अभियान से जुड़े वैज्ञानिकों की भावनात्मक यात्रा और टीम भावना भी शामिल हैं.
सामग्री को आपसी-संवाद के आधार पर और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो ग्राफिक्स, तस्वीरों, चित्र-व्याख्या, गतिविधियों, चुनौतीपूर्ण प्रश्नों और अन्य से समृद्ध हैं. इनमें सभी पांच चरण शामिल किए गए हैं तथा यह स्कूली शिक्षा के कक्षा एक से 12 तक को कवर करती है. प्रधान ने शुरू किए गए मॉड्यूल को सभी कक्षाओं के लिए वैकल्पिक बनाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण, कोविड-19 टीकाकरण, जी20 की भारत की अध्यक्षता आदि सहित 14 विभिन्न विषयों पर और भी मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक कल्याण के लिए ज्ञान साझा करने वाला विश्वगुरु बनेगा. वहीं, इसरो के अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ ने चंद्रयान की कहानियों को देश के युवा छात्रों तक ले जाने की पहल के लिए धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया. उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके चंद्रयान 3 मिशन को पूरा किया. इनपुट एजेंसी