Air Suvidha Form: हवाई यात्रियों को सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, अब पैसेंजर्स के बचेंगे हजारों रुपये
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Air Suvidha Form: हवाई यात्रियों को सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, अब पैसेंजर्स के बचेंगे हजारों रुपये

Civil aviation ministry: हवाई जहाज से यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. अब यात्रियों एयर सुविधा फॉर्म नहीं भरना होगा, इसी वजह से यात्री अपने हजारों रुपये बचा सकेंगे. जान लीजिए कैसे?  

Air Suvidha Form: हवाई यात्रियों को सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, अब पैसेंजर्स के बचेंगे हजारों रुपये

International passengers: केंद्र सरकार ने सोमवार, 21 नवंबर को हवाई यात्रियों को बड़ी राहत दे दी है. दरअसल, सरकार ने अब इंटरनेशनल पैसेंजर के लिए एयर सुविधा फॉर्म (Air Suvidha Form) रद्द कर दिया है, यानी अब भारत आने वाले कोई भी पैसेंजर को इस फॉर्म को भरने की जरूरत नहीं रहेगी. आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स की जानकारी लेने के लिए इस फॉर्म को जरूरी किया था. इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया था. ये खबर यात्रियों के लिए इसलिए भी खास है क्‍योंकि इस फॉर्म के साथ कई दस्‍तावेज लगाने होते थे, जिसमें हजारों रुपये का खर्च आता था. अब ये खर्च लोगों का बच जाएगा. चलिए जानते हैं कैसे? 

एयर सुविधा फॉर्म क्‍या है? 

मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, भारत आने वाले सभी पैसेंजर को एक फॉर्म भरना होता था. इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर सुविधा नाम से तैयार किया था, इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अपना सहयोग दिया था. ये एक कॉन्‍टेक्‍ट लेंस समाधान था, जिसके तहत भारत आने वाले सभी यात्रियों को सेल्फ डिक्लेरेशन पोर्टल पर इस फॉर्म को भरना होता था.  

सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म

सभी पैसेंजर को एयर सुविधा पोर्टल पर सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता था. वेबसाइट के मुताबिक, यह सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स के लिए जरूरी था. इसमें वे अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं. ये पूरी प्रकिया एक ऑनलाइन पोर्टल पर होती है. इसे बोर्डिंग से पहले भरना होता था. आपको बता दें कि अभी भी विदेश यात्रियों को भारत आने के लिए कई तरह के फॉर्म भरना होते थे. ये फॉर्म कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लाया गया था. 

पैसेंजर के बचेंगे हजारों रुपये 

एयर सुविधा फॉर्म में पैसेंजर को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताना होता है और हाल में जहां यात्रा की है, वहां की जानकारी भी भरनी होती है. इसके अलावा इसमें वैक्सीन सर्टिफिकेट और नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट भी जमा करनी होती थी. इसी वजह से ये सब दस्‍तावेल बनाने के चक्‍कर में यात्रियों के हजारों रुपये खर्च हो जाते थे क्‍योंकि मालदीव जैसे देश में RT-PCR पर 7,000 रुपये प्रति व्यक्ति का खर्च आता है. हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से बयान आया है, जिसके मुताबिक 22 नवंबर से यात्रियों को इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. 

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