डायबिटीज मरीज की संख्या तेजी से बढ़ रही है. गलत खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से अधिकतर लोग डायिबटीज का शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज मरीज को चीनी खाने से मना किया जाता है. ऐसे में डायबिटीज मरीज स्टीविया का सेवन कर सकते हैं. स्टीविया एक तरह मीठी तुलसी होती है.
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Stevia for Diabetes: डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठा खाना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है. उन्हें लगातार चीनी से परहेज करने की सलाह दी जाती है, लेकिन मीठे का स्वाद पूरी तरह छोड़ना आसान नहीं होता. ऐसे में नेचुरल स्वीटर इन दिनों काफी पॉपुलर हो रहा है. स्टीविया एक नेचुरल स्वीटनर है जो कि चीनी की तरह मीठा होता है. सबसे खास बात यह है कि इसका सेवन करने से ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ता है.
स्टीविया हर्ब
स्टीविया एक हर्बल स्वीटनर है, जो उत्तर और दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली हर्ब से प्राप्त होता है. भारत में इसे 'मीठी तुलसी' भी कहा जाता है. इस पौधे की पत्तियां चीनी से 50 से 300 गुना ज्यादा मीठी होती हैं, लेकिन खास बात यह है कि इनमें कैलोरी नहीं के बराबर होती है. स्टीविया में मौजूद स्टेविओल ग्लाइकोसाइड नामक तत्व इसे बेहद मीठा बनाते हैं, यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को प्रभावित नहीं करता. नतीजतन, यह मधुमेह रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है.
शुगर कंट्रोल में है मददगार
2018 में किए गए एक अध्ययन में यह देखा गया कि स्टीविया का सेवन करने के बाद 60 से 120 मिनट के भीतर लोगों के ब्लड शुगर स्तर में गिरावट देखी गई. दिलचस्प बात यह है कि यह प्रभाव इंसुलिन स्राव से पहले ही देखने को मिला. 2016 के एक अन्य शोध में पाया गया कि सूखे स्टीविया पत्ती के पाउडर का सेवन करने से मधुमेह रोगियों में उपवास और भोजन के बाद दोनों स्थितियों में ब्लड शुगर स्तर में कमी आई.
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि स्टीविया न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है, बल्कि इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को हानिकारक फ्री-रेडिकल्स से बचाते हैं. यह भूख को नियंत्रित करने के साथ ही मीठा खाने की इच्छा को खत्म कर देता है. शोध से यह भी पता चला है कि स्टीविया ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.
स्टीविया का खाने में इस्तेमाल
स्टीविया के कई गुण इसे लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं. इसे गर्म और ठंडे पेय पदार्थों में मिलाया जा सकता है, फलों पर छिड़का जा सकता है और कुछ विशेष प्रकार की बेकिंग में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, यह चीनी की तरह कैरेमलाइज नहीं होता, इसलिए इसे हर तरह की मिठाइयों और बेकिंग में उपयोग करना संभव नहीं है. अमेरिका में, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड को “आम तौर पर सुरक्षित” यानी जीआरएस (जनरली रिकेग्नाइज एज सेफ) का दर्जा दिया है. इसका मतलब यह है कि खाद्य निर्माता इसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में मिलाने के लिए स्वतंत्र हैं. यही कारण है कि यह कई चीनी-मुक्त पेय पदार्थों, जैम और डेयरी उत्पादों में एक सामान्य घटक के रूप में पाया जाता है.
स्टीविया का कर सकते हैं सेवन
डॉक्टरों की मानें तो डायबिटीज के मरीजों के लिए एहतियात जरूरी है. स्टीविया को अपने भोजन में शामिल करने से पहले शरीर पर पड़ने वाले असर को देखना-परखना जरूरी है. हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और किसी भी प्राकृतिक औषधि या केमिकल से रिएक्ट अलग तरीके से करता है. कुछ लोग स्टीविया के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं. हालांकि, किसी भी अध्ययन में स्टीविया का नकारात्मक प्रभाव कभी नहीं देखा गया है. अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं और मीठे का स्वाद लेना चाहते हैं, तो स्टीविया एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह प्राकृतिक, कम कैलोरी वाला और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मददगार है. हालांकि, इसे सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है. विशेषज्ञों और डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी है.
इनपुट-आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.