आई-फोन की तरह अपनी हेल्थ को अपडेट करना भूल गए थे स्टीव जॉब्स, एक छोटी सी चूक पड़ गई भारी
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आई-फोन की तरह अपनी हेल्थ को अपडेट करना भूल गए थे स्टीव जॉब्स, एक छोटी सी चूक पड़ गई भारी

आज हम स्टीव एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीब जॉब्स के हेल्थ का किस्सा बताने जा रहे हैं, जो हमें एक बड़ी सीख देता है. ये समझना जरूरी है कि डाइट में क्या इग्नोर नहीं करना चाहिए.

आई-फोन की तरह अपनी हेल्थ को अपडेट करना भूल गए थे स्टीव जॉब्स, एक छोटी सी चूक पड़ गई भारी

Steve Jobs Health Mistakes: एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की जिंदगी किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है, भले ही आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी तकनीक की आज भी तारीफ करती हैं. हालांकि सेहत को दुरुस्त रखने के मामले में वो थोड़े चूक गए और जिंदगी के 60 साल भी पूरे नहीं कर पाए. मशहूर हेल्थ एक्सपर्ट क्रेग ब्रोकी (Craig Brockie) ने 'एक्स' पर एक थ्रेड शेयर करते हुए बताया कि कैसे जॉब्स ने अपने हेल्थ के मामले में चूक गए

आंतों की सेहत को नजरअंदाज किया
स्टीव जॉब्स को इस बात का सबसे ज्यादा अफसोस नहीं था कि वो एप्पल से अलग हुए, माक्रोसॉफ्ट के खिलाफ जद्दोजहद की या फिर कैंसर ट्रीटमेंट को न कहा. उनको इस बात का मलाल था कि वो दशकों तक अपनी आंतों की सेहत को इग्नोर करते रहे.  डॉक्टर्स को कहे गए उनके आखिरी शब्द ट्रिलियन डॉलर हेल्थ सीक्रेट को एक्सपोज करते हैं.

 

​दर्द में थे जॉब्स
2003 में, जब एप्पल की कामयाबी पीक पर थी, जॉब्स आई-ट्यून्स लॉन्च के दौरान मंच के पीछे दर्द से कराह रहे थे. जिस शख्स ने तकनीक में क्रांति ला दी, वो अब अपने शरीर के इशारे को अनदेखा नहीं कर सकते थे.  एक रूटीन स्कैन ने सच्चाई का खुलासा किया.
 

 

डॉक्टरों ने कुछ चौंकाने वाली बातें खोजीं

• पैंक्रियाटिक कैंसर का एक रेयर फॉर्म
• 93% जीवित रहने की दर (सामान्य 1.8% के मुकाबले)
• अविश्वसनीय रूप से जल्दी पकड़ में आ जाना
• पूरी तरह से इलाज के लायक

लेकिन स्टीव जॉब्स के पास कुछ और ही प्लान्स थे
उन्होंने अपने डॉक्टरों से कहा, "मैं इसे खुद ही सुलझा लूंगा." सर्जरी के बजाय, उन्होंने अपने 20 के दशक से अपनाए जा रहे एक्सट्रीम डाइट को दोगुना कर दिया. उनकी वाइफ लॉरेन ने उनसे पुनर्विचार करने की गुजारिश की, लेकिन उनका जवाब था,  "ये कोई विकल्प नहीं है - ये एक लाइफस्टाइल च्वॉइस है."

 

स्टीव जॉब्स की डाइट एक्सट्रीम थी

• हेल्दी फैट से परहेज़ किया
• सभी प्रोटीन सोर्सेज से इनकार किया
• उन्होंने माना कि फल उनके सिस्टम को "साफ" कर देंगे.
• अक्सर हफ्तो तक सिर्फ एक ही तरह का फल खाया

इसके रिजल्ट्स बहुत जल्दी सामने आए
9 महीनों के भीतर, कैंसर उनके लीवर तक फैल गया. लेकिन जॉब्स ने अपनी डाइट बदलने से इनकार कर दिया. जब डॉक्टर्स ने उनके पैंक्रियाज का हिस्सा निकाला, तो उन्होंने उन्हें अहम सलाह दी जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया.

 

डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि उनके शरीर को अधिक नियमित, संतुलित भोजन की जरूरत है जिसमें शामिल हैं:-

• इलाज के लिए गुणवत्ता वाला प्रोटीन

• सूजन को कम करने के लिए हेल्दी फैट

• रिकवरी के लिए डाइवर्स न्यूट्रिएंट्स

साल 2008 तक, iPhone 3G लॉन्च के दौरान, जॉब्स ने 40 पाउंड वजन कम कर लिया था.

 

 

मॉडर्न साइंस के मुताबिक जॉब्स क्या मिस कर रहे थे?

आपका पेट एक iPhone की तरह है - इसे अपडेट (पोषक तत्व), मेंटनेंस (संतुलन), और गुणवत्ता वाले हिस्से (डाइवर्स फूड्स) की जरूरत होती है।

• डाइवर्स फूड = मजबूत पेट
• प्रोटीन = तेजी से उपचार

बर्बेरिन और प्रोबायोटिक्स जैसे सप्लीमेंट गेम-चेंजर हैं

 

आंतों के लिए जरूरी फूड्स
प्रोबायोटिक्स से भरपूर फर्मेंटेड फूड्ल, आंतों की सेहत के लिए सबसे ज्यादा रेकोमेंड किए जाते हैं. घर का बना दही सबसे अच्छा विकल्प है. ये टेस्टी और हेल्दी है.

स्टीव जॉब्स ने आखिर में क्या कहा?

स्टीव जॉब्स को अपनी जिंदगी के दिनों में ये बात समझ में आई. उन्होंने अपने डॉक्टरों से कहा, "बुनियादी बातों पर ध्यान दें. जब आप शरीर को सही टूल्स देते हैं तो वो ठीक होना जानता है." लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.  साल 2011 में एप्पल के फाउंडर का 56 की उम्र में निधन हो गया.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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