पोप फ्रांसिस को हुआ डबल निमोनिया, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इससे कैसे बचें?
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पोप फ्रांसिस को हुआ डबल निमोनिया, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इससे कैसे बचें?

पोप फ्रांसिस जानलेवा डबल निमोनिया से अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. क्या आपको इस बीमारी के बारे में पता है, आइए जानते हैं कि इसके लक्षण और प्रिवेंशन और ट्रीटमेंट क्या-क्या हैं.

पोप फ्रांसिस को हुआ डबल निमोनिया, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इससे कैसे बचें?

Pope Francis III Battling Double Pneumonia: पोप फ्रांसिस III, जो रोम (Rome) के जेमेली अस्पताल (Gemelli Hospital) में डबल न्यूमोनिया के इलाज करा रहे हैं, अभी भी पूरी तरह से खतरे से बाहर नहीं हैं, उनके मेडिकल टीम के मुताबिक. हालांकि, डॉक्टरों ने जनता को आश्वस्त किया है कि उनके कंडीशन के सीरियसनेस के बावजूद, उनके जिंदा रहने की उम्मीदें बरकरार हैं.

पोप को सांस लेने में परेशानी
कैथोलिक चर्च के 87 साल के हेड को 14 फरवरी को कई दिनों तक सांस लेने में दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर् ने बाद में उन्हें डबल निमोनिया डायग्नोज किया, जो एक सीवियर कंडीशन है जिसमें दोनों फेफड़े सूज जाते हैं और दागदार हो जाते हैं, जिससे इंसान को सही तरीके से सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

डॉक्टर का बयान 
21 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, डॉ. सर्जियो अल्फियरी (Dr. Sergio Alfieri), पोप के लीडिंग डॉक्टर्स में से एक, ने उनकी सेहत के बारे में अपडेट दिया. उन्होंने साफ किया कि जबकि पोप की स्थिति गंभीर बनी हुई है, वो इमिडिएट लाइफ थ्रेटनिंग डेंडर में नहीं हैं. डॉक्टर ने कहा, “अगर सवाल ये है कि क्या वो खतरे से बाहर हैं, तो जवाब 'नहीं' है. लेकिन अगर आप पूछ रहे हैं कि क्या वो मौजूदा वक्त में जानलेवा खतरे में है, तो जवाब भी 'नहीं' है.” 

इस बीच वेटिकन ने पोप फ्रांसिस के इंफेक्शन को "जटिल" बताया है क्योंकि ये पॉलीमाइक्रोबियल है. इसका मतलब है कि इंफेक्शन के लिए 2 या 2 से ज्यादा अलग-अलग माइक्रोऑर्गेनिज्म जिम्मेदार हैं, जिससे ट्रीटमेंट प्रॉसेस ज्यादा चैलेंजिंग हो जाता है.

पोप में दिखी रिकवरी साइन

हालांकि उनकी हालत गंभीर है, लेकिन पोप फ्रांसिस ने सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं. उनकी मेडिकल टीम ने रिपोर्ट किया कि वो बिस्तर से उठने, एक आर्मचेयर में बैठने, कुछ काम करने और यहां तक कि अपने सेल्फ कंटेंड हॉस्पिटल अपार्टमेंट के अंदर चैपल (chapel) में जाने में सक्षम थे. ये छोटे कदम संकेत देते हैं कि वो ट्रीटमेंट पर रिस्पॉन्स दे रहे हैं, लेकिन उसके डॉक्टर उसकी रिकवरी के बारे में सतर्क बने हुए हैं. हालांकि पोप फिलहाल स्टेबल हैं, लेकिन डॉक्टर्स ने कहा है कि वो कम से कम एक और हफ्ते तक अस्पताल में रहेंगे क्योंकि वो उसकी स्थिति की निगरानी जारी रख रहे हैं.

डबल निमोनिया क्यों होता है?
डबल निमोनिया को बायलेटरल निमोनिया भी कहते हैं, ये एक तरह का लंग इंफेक्शन है जिससे दोनों फेफड़ों पर असर पड़ता है. बुजुर्गों, छोटे बच्चों और जो पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. आइए जानते हैं कि इसके होने की वजह क्या है. 

1 बैक्टीरिया: स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया एक कॉमन रिस्क फैक्टर हैं.
2. वायरस: इन्फ्लुएंजा, RSV और COVID-19 इसका कारण बन सकते हैं.
3.फंजाई: खास तौर से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका रिस्क ज्यादा होता है.

डबल निमोनिया के लक्षण

1. खांसी
2. बुखार
3. ठंड
4. पसीना 
5. सांस लेने में दिक्कत
6. छाती में दर्द 
7. थकान

प्रिवेंशन

1. वैक्सिनेशन (फ्लू, न्यूमोकोकल)  
2. हाथों को बार-बार साफ करना  
3. हेल्दी लाइफस्टाइल (बैलेंस्ड डाइट और एक्सरसाइज)  
4. बीमार लोगों के संपर्क से बचना

इलाज

1. एंटीबायोटिक्स (बैक्टीरियल न्यूमोनिया के लिए) 
2. एंटीवायरल दवाएं (वायरल न्यूमोनिया के लिए) 
3. सपोर्टिव केयर (ऑक्सीजन थेरेपी, पेन रिलीफ) 
4. हाई रिस्क वाले लोगों के लिए प्रॉम्ट मेडिकल अटेंशन

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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