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Towel Cleaning: आज नहाने के बाद आपने जिस तौलिये का इस्तेमाल किया, उसे आखिरी बार कब धुला गया है. ये बड़ा आम सवाल है, लेकिन इसका जवाब काफी खतरनाक है. कई बार लोग अपने तौलिये को हफ्ते, महीने या सालों में एक बार धोते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि साफ दिखने वाले आपके तौलिये में कितनी गंदगी और बैक्टीरिया जमा हो चुकी है.
गंदा तौलिया कैसे डालता है सेहत पर असर
दिनों, हफ्तों या महीनों से दरवाजे के पीछे टंगा आपका तौलिया कई वजह से गंदा हो सकता है. एक रिसर्च के अनुसार गंदा तौलिया त्वचा और शरीर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के साथ-साथ हमारे पेट में पाए जाने वाले वैक्टीरिया से भी गंदा होता है. नहाने के बाद भी हमारे शरीर से बैक्टीरिया नहीं जाते हैं, तो जब हम तौलिये से अपने शरीर या चेहरे को पोछते हैं, तो वहां मौजूद बैक्टीरिया तौयिले पर आ जाता है. वैसे ही जब तौलिये को सूखने के लिए लटकाया जाता है, तो हवा में उड़ रहे फफूंद और बैक्टीरिया तौलिये पर चिपक सकते हैं. तौलिये को धोते वक्त भी पानी से कुछ बैक्टीरिया तौलिये पर आ सकते हैं. सबसे बुरा तो तब होता है, जब लोग अपने तौलिये को बाथरूम में लटका देते हैं. ऐसे स्थिति में व्यक्ति जितनी बार फ्लश करता है, टॉयलेट के बैक्टीरिया बाथरूम में रखे तौलिये पर चिपक जाते हैं. इसके बाद जब आप हफ्तों, महीनों तक अपने तौलिये को नहीं धोते हैं, तो उसमें बैक्टीरिया का परत बन जाता है, जो तौलिये के रंग या स्वरूप को बदल देता है.
तौलिये से कैसे फैलता है बैक्टीरिया
आपका साफ दिखने वाला तौलिया आपके घर में बैक्टीरिया फैलाने का एक प्रमुख जरिया है. हमारे शरीर पर कई हजार से भी ज्यादा तरह-तरह के वायरस, फंगस और बैक्टीरिया पाए जाते हैं. इनमें से कुछ गुड बैक्टीरिया होते हैं, तो हमें संक्रमण से बचाने और इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में मदद करते हैं. तौलिये पर ज्यादा वहीं बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर और आस-पास मौजूद होते हैं. तौलिये पर पाए जाने वाले आम बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया और एस्चेरिचिया कोली है, जो मनुष्य के पेट में पाए जाते हैं. वहीं साल्मोनेला और शिगेला जैसे बैक्टीरिया भी तौलिये पर होते हैं, ये बैक्टीरिया खाने से होने वाली बीमारियों और डायरिया में पाए जाते हैं. तौलिये पर कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं, जो समय घाव को विषैला और इम्यून सिस्टम को वीक करने में मददगार होते हैं.
आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा रहा तौलिया
हमारा शरीर प्राकृतिक तौर पर खुद बैक्टीरिया से लड़ सकता है. इसलिए हमें तौलिये पर मौजूद बैक्टीरिया से डरने की ज्यादा जरूरत नहीं है. लेकिन ये बैक्टीरिया तब खतरनाक हो जाते हैं, जब हम सुखाने के लिए गंदे तौलिये को शरीर पर गरड़ते हैं. बड़ा खतरा तब भी होता है, जब हम बैक्टीरिया से भरे तौलिये से हाथ पोछकर और फिर मुंह, नाक या आंखों को छुते हैं. साथ ही किचन में इस्तेमाल किया जाने वाला तौलिया भी बर्तनों, सतहों या हाथों के जरीए हमारे शरीर में जा सकता है. ये बैक्टीरिया पेट के या खाने पीने से होने वाली बीमारियों की वजह है. पेट और आंत के संक्रमण से होने वाली बीमारी साल्मोनेला, नॉरोवायरस और ई. कोलाई भी इस बैक्टीरिया से हो सकती है.
तौलिये को कितनी बार धोना चाहिए
एक्सपर्ट तौलिये को हफ्ते में एक बार धोने की सलाह देती हैं. हालांकि तौलिये को धोने की आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि आप उसका उपयोग कैसे करते हैं. साथ ही अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है, उसे उल्टी या दस्त हो रहा है. तो उसे अपना तौलिया रोज धोना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.