एक रिसर्च स्टडी में दावा किया गया है कि डाइट सोडा आपको अंधा बना सकता है. डाइट सोडा के ज्यादा सेवन से डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का चांस रहता है, जो आंखों के लिए घातक है. हफ्ते में चार कैन डाइट सोडा पीने से डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा दो गुना बढ़ सकता है.
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डाइट सोडा आपकी आंखों के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है. एक रिसर्च स्टडी में इसका दावा किया गया है. इससे अनुसार, डाइट सोडा के ज्यादा सेवन से डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकता है, जो आंखों के लिए हानिकारक है. स्टडी में पाया गया कि हर हफ्ते लगभग 1.5 लीटर (चार कैन) डाइट सोडा पीने से डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा दो गुना बढ़ सकता है.
रिसर्च स्टडी में नॉन अल्कोहलिक सॉफ्ट ड्रिंक और आंखों के स्वास्थ्य के बीच एक मजबूत संबंध है. यह अध्ययन 609 लोगों पर आधारित है, जिनमें से 73 को टाइप 1 डायबिटीज था, 510 को टाइप 2 डायबिटीज था और बाकी बचे 26 के बारे में आंकड़े स्पष्ट नहीं थे. प्रतिभागियों की औसत आयु 65 वर्ष थी. इनमें से 46.8% लोगों ने रेगुलर सॉफ्ट ड्रिंक पिया और बाकियों ने डाइट सोडा लिया. अध्ययन में पाया गया कि जो रेगुलर सॉफ्ट ड्रिंक पीते थे, उनमें डाइट सोडा पीने वालों की तुलना में बीमारी होने की संभावना नहीं थी.
डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?
डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज की एक कॉम्प्लिकेशन है, जिसमें हाई शुगर लेवल आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है. यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह अंधापन का कारण बन सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से आंखों की जांच कराने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी भी गंभीर कॉम्प्लिकेशन से बचा जा सके.
डायबिटिक रेटिनोपैथी का कारण
डायबिटीज शरीर के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है. जब शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तो यह ब्लड वेसल्स को ब्लॉक कर देता है. यही समस्या आंखों की छोटी ब्लड वेसल्स में उत्पन्न होती है. जब ऐसा होता है तो आंखों का वह हिस्सा जो लाइट का पता लगाता है, वह खराब हो जाता है. इसके बाद ऑप्टिकल नस से दिमाग को भेजने वाले संकेत बाधित होते हैं. जिनको डायबिटीज है, उनमें यह बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है. हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल और नियमित रूप से तंबाकू का सेवन करने से डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा हो सकता है.
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