Ayurvedic foods for diabetes: एक हेल्दी लाइफस्टाइल, उचित पोषण और नियमित व्यायाम के साथ, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल में योगदान कर सकती हैं और डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन में सुधार कर सकती हैं.
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Diabetes diet: मधुमेह एक गंभीर मेटबॉलिक रोग है जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों प्रभावित हुए हैं. डायबिटीज के बढ़ते प्रसार के साथ, पारंपरिक चिकित्सा हस्तक्षेपों के पूरक वैकल्पिक उपचार विकल्पों का पता लगाना अनिवार्य हो गया है. अकेले भारत में पिछले चार वर्षों में डायबिटीज के मामलों में 44% की वृद्धि देखी गई है और लगभग 10 करोड़ लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं. एक हेल्दी लाइफस्टाइल, उचित पोषण और नियमित व्यायाम के साथ, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल में योगदान कर सकती हैं और डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की क्वालिटी में सुधार कर सकती हैं. आज हम आपको 5 ऐसे फूड के बारे में जानकारी देंगे, जो नेचुरली ब्लड शुगर लेवल को हमेशा कंट्रोल में रखेगा.
जामुन
जामुन में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. इसमें एंथोसायनिन, एलाजिक एसिड और पॉलीफेनोल्स जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड भी होते हैं, जो प्रक्रिया में सहायता करते हैं. जामुन या इसके जूस का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने और डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद करता है. इसकी हाई डायटरी फाइबर सामग्री चीनी अवशोषण को धीमा कर देती है, जिससे बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण को बढ़ावा मिलता है. बैलेंस डाइट में जामुन को शामिल करने से डायबिटीज को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है.
करेला
लंबे समय से आयुर्वेद में करेला को एंटी-डायबिटीज गुणों के लिए उपयोग किया जाता रहा है. इसमें पॉलीपेप्टाइड-पी नामक इंसुलिन जैसा कंपाउंड होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. करेला ग्लूकोज के उपयोग को बेहतर बनाने और इंसुलिन स्राव को उत्तेजित करने में भी सहायता करता है, जिससे यह डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है.
गिलोय
गिलोय इंसुलिन स्राव को उत्तेजित करके और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करके, ब्लड शुगर लेवल को विनियमित करने में मदद करके हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव प्रदर्शित करता है. इसके अलावा, इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम कर सकते हैं और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं. गिलोय का एंटीऑक्सीडेंट गुण पैंक्रियेटिक बीटा सेल्स की रक्षा करने और डायबिटीज से जुड़े ऑक्सीडेटिव तनाव का प्रतिकार करने में मदद करता है. व्यापक डायबिटीज कंट्रोल योजना में गिलोय को शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त सहायता मिल सकती है.
आंवला
आंवला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो ब्लड शुगर विनियमन सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. यह विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो पैंक्रियाज के काम को बेहतर बनाने और इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में मदद करता है. आंवला ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में भी सहायता करता है, जो अक्सर मधुमेह से जुड़े होते हैं.
गुड़मार
गुड़मार को प्राकृतिक रूप से डायबिटीज के प्रबंधन में अपनी संभावित भूमिका के लिए पहचाना गया है. यह ग्लूकोज अवशोषण को कम करके और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त, गुडमार को चीनी की लालसा को कंट्रोल करने और पैंक्रियाज की सेहत का समर्थन करने से जोड़ा गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)