डिप्रेशन की दवा हेरोइन से भी खतरनाक, आखिर क्या है कारण, Depression के 99% मरीज बेखबर
Advertisement
trendingNow12648809

डिप्रेशन की दवा हेरोइन से भी खतरनाक, आखिर क्या है कारण, Depression के 99% मरीज बेखबर


Depression Medicine Side Effects: यदि आप डिप्रेशन की दवा ले रहे हैं, तो पहले इसके नुकसान के बार में समझ लें. एक हालिया स्टडी में इसे हेरोइन से ज्यादा खतरनाक बताया गया है.   

डिप्रेशन की दवा हेरोइन से भी खतरनाक, आखिर क्या है कारण, Depression के 99% मरीज बेखबर

अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कुछ लोगों के लिए डिप्रेशन की दवा का सेवन छोड़ना हेरोइन छोड़ने से भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है. 

यह बयान तब सामने आया जब उन्होंने सिलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) दवाओं का जिक्र किया, जिसे आज की जनरेशन बहुत ज्यादा इस्तेमाल करती है. इन दवाओं के सेवन से कई बार लोग एक सिंड्रोम का सामना करते हैं, जिसे "एसएसआरआई का सेवन रोकने का सिंड्रोम" कहा जाता है, जिसमें चक्कर आना, सिरदर्द, थकान और जी मिचलाना जैसे लक्षण होते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या एंटी-डिप्रेशन से छुटकारा पाना वाकई हेरोइन से ज्यादा कठिन हो सकता है?

दवा न खाने से दिखते हैं ये लक्षण

एसएसआरआई दवाओं का सेवन रोकने पर कुछ लोगों में गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. यह सिंड्रोम आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति अचानक इन दवाओं का सेवन बंद कर देता है. एसएसआरआई दवाओं में पैरोक्सेटाइन और फ्लूवोक्सामिने जैसी दवाएं शामिल हैं, जो लगभग सात प्रतिशत लोगों में इस सिंड्रोम का कारण बनती हैं. लंबे समय तक चलने वाली दवाओं, जैसे सेर्ट्रालीन और फ्लुओक्सेटीन, से यह सिंड्रोम केवल दो प्रतिशत लोगों को ही प्रभावित करता है. हालांकि, जब लोग इन दवाओं को अचानक छोड़ते हैं, तो उन्हें 40 प्रतिशत तक इस सिंड्रोम का सामना करना पड़ सकता है. 

इसे भी पढ़ें- अशांत मन को तुरंत शांत करते हैं ये 4 ब्रीदिंग एक्सरसाइज, स्ट्रेस- डिप्रेशन में भी फायदेमंद

 

सिंड्रोम का कारण

यह सिंड्रोम शरीर में सेरोटोनिन की अचानक कमी के कारण होता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार का असुविधाजनक अनुभव होता है.

हेरोइन छोड़ने पर क्या होता है?

हेरोइन के सेवन से छुटकारा पाना भी एक बहुत ही कठिन है. हेरोइन शरीर में म्यू ओपिओइड रिसेप्टर्स को एक्टिव करती है, जिससे दर्द कम होता है और व्यक्ति को नशा होता है. जब कोई व्यक्ति हेरोइन का सेवन बंद करता है, तो उसे नशे की लत, तनाव, जी मिचलाना, दस्त, पेट में ऐंठन और बुखार जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है. यह लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रहते हैं, जबकि मानसिक लक्षण जैसे तनाव और चिड़चिड़ापन लंबे समय तक बने रहते हैं. हेरोइन छोड़ने के लिए अक्सर मेथाडोन या बुप्रेनोरफिन जैसी दवाओं का सहारा लिया जाता है, जो ओपिओइड रिसेप्टर्स को सक्रिय करती हैं, लेकिन इनकी हाफ लाइफ लंबी होती है, जिससे व्यक्ति को राहत मिलती है.

डिप्रेशन की दवा और हेरोइन के बीच अंतर

कई अध्ययनों में यह देखा गया है कि हेरोइन छोड़ने का अनुभव अधिक आम और गंभीर हो सकता है. हालांकि, अवसाद की दवाओं से छुटकारा पाना भी बहुत कठिन हो सकता है. लेकिन, जैसा कि विशेषज्ञ बताते हैं, दोनों स्थितियों में फर्क होता है. डिप्रेशन की दवाओं का सेवन बंद करने के लक्षण कुछ मामलों में हल्के होते हैं और समय के साथ ठीक हो जाते हैं. वहीं हेरोइन से छुटकारा पाने के लक्षण और अधिक जटिल होते हैं और लंबी अवधि तक रह सकते हैं. 

इसे भी पढ़ें- कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह- किचन से हटा लें ये 4 सफेद चीज, वरना निकल जाएगा दिल का कचूमर

-एजेंसी-

Trending news