Ram Setu Review: Akshay Kumar की डूबती नैया श्री राम के सहारे, फैक्ट्स फिक्शन व फीलिंग्स की ट्रिपल डोज है 'राम सेतु'
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Ram Setu Review: Akshay Kumar की डूबती नैया श्री राम के सहारे, फैक्ट्स फिक्शन व फीलिंग्स की ट्रिपल डोज है 'राम सेतु'

Akshay Kumar Ram Setu: अक्षय कुमार की फिल्म 'राम सेतु' का मूवी रिव्यू आ गया है. नुसरत भरूचा और जैकलीन फर्नांडेज स्टारर इस फिल्म में क्या अच्छा है और किन बातों में ये पीछे रह गई है, आइए सब जानते हैं..

Ram Setu Review: Akshay Kumar की डूबती नैया श्री राम के सहारे, फैक्ट्स फिक्शन व फीलिंग्स की ट्रिपल डोज है 'राम सेतु'

Ram Setu Movie Review in Hindi: राम सेतु (Ram Setu) एक ऐसा विषय था कि देश के राष्ट्रवादी माहौल में इसे संवेदनशील माना जा सकता है, ऐसे में जबकि थिएटर्स में लोग आने को तैयार नहीं और अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की पृथ्वी राज चौहान (Prithviraj Chauhan) जैसी बड़ी फिल्म धराशाई हो चुकी है, इस फिल्म पर काफी कुछ टिका था. अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) की फिल्मों के साथ खास ये था कि उनके डायरेक्शन में बनी फिल्मों चलें न चलें, चर्चा में जरूर आती रही हैं. ऐसे में अक्षय कुमार की ये मूवी चर्चा में तो है ही, अगर लोग थिएटर्स तक आएं तो इसे तुरंत खारिज नहीं कर पाएंगे. हां, कहानी जरूर छोटी लगती है. आगे पढ़ें पूरा मूवी रिव्यू.. 

क्या है Ram Setu की कहानी 

कहानी है एक ऐसे आर्कियोलॉजिस्ट आर्यन कुलश्रेष्ठ (अक्षय कुमार) की जो नास्तिक है जो न भगवान में भरोसा करता है और न धर्म में. लेकिन आर्यन की पत्नी और इतिहास की प्रोफेसर गायत्री (नुसरत भरूचा) अपने बेटे को बाल गणेश जैसी पुस्तकें पढ़वाती रहती है. अचानक केंद्र सरकार जब राम सेतु को तुड़वाने का फैसला लेती है तो उसके नेता किसी आर्कियोलॉजिस्ट के जरिए ये रिपोर्ट दिलवाना चाहते हैं कि राम सेतु प्राकृतिक है, किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया. यही वजह है कि आर्यन को इसके लिए मोहरा बनाया जाता है.

बाद में इसी काम के लिए आर्यन को एक शिपिंग कंपनी एक रिसर्च प्रोजेक्ट में लगाती है और उसके साथ कई एक्सपर्ट्स को जोड़ देती है. लेकिन जब आर्यन को ये पता चलता है कि राम सेतु प्राकृतिक नहीं है तो उसकी सोच बदल जाती है और रामसेतु को तुड़वाकर करोड़ों का मुनाफा सोच रहा शिपिंग कम्पनी का मालिक नासिर उसे मरवाने के आदेश दे देता है. यानी केंद्र सरकार भी वही चाहती है, शिपिंग कंपनी का मालिक भी वही चाहता है लेकिन एक नास्तिक उसे राम के आदेश से बना रामसेतु साबित करने पर तुल जाता है. 

कैसी है कास्ट की एक्टिंग

अक्षय, जैकलीन, नासिर, नुसरत कमाल के एक्टर्स हैं तो उनकी एक्टिंग जैसी है, वो वैसी है, हमेशा जैसी होती आई है, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, एक्शन और रिसर्च भी बेहतरीन हैं. क्लाइमैक्स में डायलॉग्स और इमोशन्स का काफी रोल है. रिसर्च और डायलॉग्स में उनकी पिछली मूवी के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी का अहम रोल है. इस मूवी में वो क्रिएटिव डायरेक्टर हैं.

इन बातों ने नहीं किया इम्प्रेस

हां, इस मूवी से ये साफ पता चलता है कि मूवी की बड़ी कहानी डायरेक्टर के पास नहीं थी, तभी शुरुआत एक बड़े सीन से हुई जो बामियान में बुद्ध की मूर्ति के सामने फिल्माया गया और इमोशंस के लिए उसमें सिंध के राजा दाहिर को जोड़ा गया. इसी तरह इंटरवल के बाद जिस तरह से श्रीलंका में सुरंगें और रावण में इलाके में भागमभाग दिखाई गई, उससे साफ लगा कि डायरेक्टर थोड़ा कंफ्यूज है, जिसकी भरपाई क्लाइमैक्स में एपी के कैरेक्टर और अदालती बहस में इमोशन्स से करने की कोशिश डायरेक्टर ने की है. 

हालांकि इस मूवी को साइंटिफिक बनाने की कोशिश की गई और नासा के साइंस चैनल पर आए 2017 के शो की रिसर्च का सहारा साफ दिखा तो उसकी रिपोर्ट को भी जिक्र करते तो और ज्यादा प्रभाव पड़ता. कुल मिलाकर राम भक्तों को ये मूवी पसंद आ सकती है और अक्षय की डूबती नैया भी रामसेतु के किनारे लगा सकती है.

स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, नुसरत भरूचा, जैकलीन फर्नांडीज, नासिर आदि
डायरेक्टर : अभिषेक शर्मा
स्टार रेटिंग : 3.5

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