Ram Gopal Varma Career: हिंदी फिल्मों में भले ही राम गोपाल वर्मा का करियर खत्म नजर आता हो लेकिन उन्होंने कुछ ऐसी फिल्में बनाई हैं, जो वह नहीं आते तो कोई नहीं बना पाता. रामू एक बहुत साधारण परिवार में पैदा हुए और पले-बढ़े. लेकिन सिनेमा के लिए उनका जुनून असाधारण था.
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Ram Gopal Varma Life: राम गोपाल वर्मा पर बचपन से फिल्मों का भूत सवार था. वह अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी के दीवाने थे. लेकिन परिवार में सब चाहते थे कि वह नौकरी करें. उनकी शादी भी करा दी गई थी और तब रामू के पास आठ सौ रुपये महीने की नौकरी थी. लेकिन रामू फिल्मों की जादुई दुनिया में रहना चाहते थे. फिल्में देखना और फिल्म बनाने का सपना उनके लिए सब कुछ था. यही दो बातें उनके दिमाग में होती थीं. लेकिन परिवार का दबाव था कि ये सब छोड़ें और ठीक से कोई नौकरी पकड़ें. उनके पिता एक स्टूडियो में साउंड इंजीनियर थे. रामू ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि एक बार उनकी पत्नी रत्ना ने अपने पिता से कह कर उनकी बढ़िया नौकरी भी लगवा दी थी.
वीडियो लाइब्रेरी की शुरुआत
रामू के ससुर ने उन्हें नाइजीरिया में ऐसी नौकरी लगवाई, जिसमें उन्हें चार हजार रुपये महीने मिलने थे. यह आठ सौ रुपय से काफी अधिक तनख्वाह थी और कुछ सोचते हुए राम गोपाल वर्मा इसके लिए तब राजी भी हो गए. घर में हैदराबाद से उनके नाइजीरिया जाने की तैयारियां शुरू हो गईं. चार हजार की तनख्वाह तब इतनी थी कि रामू ने डायरेक्टर बनने का सपना छोड़ दिया. नाइजीरिया जाने से पहले वह कुछ जरूरी काम निबटा रहे थे और तभी एक दोस्त के साथ स्कूटर पर निकले. वह दोस्त अपने एक करीबी की वीडियो लाइब्रेरी पर काम से रुका. उस दौर में वीडियो लाइब्रेरी नया बिजनेस था. रामू वीडियो लाइब्रेरी देखते रहे और अचानक उन्हें लगा कि नाइजीरिया जाने के बजाय क्यों न अपनी वीडियो लाइब्रेरी खोली जाए.
फिल्म स्टार्स से पहुंचे पोर्न स्टार तक
वीडियो लाइब्रेरी के लिए धन चाहिए था. बीस हजार रुपये. रामू ने कुछ लोगों मांग कर पैसे इकट्ठा किए और एक रिश्तेदार की खाली दुकान में वीडियो लाइब्रेरी शुरू की. शुरुआत में घर के लोग खुश नहीं थे, लेकिन फिर वीडियो लाइब्रेरी चल निकली और वहां से महीने में बीस हजार रुपये की कमाई होने लगी. लेकिन यह बिजनेस बहुत दिनों तक नहीं चला क्योंकि जल्दी ही वीडियो लाइब्रेरी का धंधा मंदा पड़ गया. लेकिन इस बीच रामू के फिल्म डायरेक्टर बनने के सपने ने फिर जोर पकड़ लिया और अपनी जिद से उन्होंने आगे का रास्ता बना लिया. 1989 में शिवा से उन्होंने साउथ में सफर शुरू किया और बॉलीवुड में रंगीला, सत्या, मस्त, कंपनी, भूत से लेकर सरकार जैसी शानदार फिल्में बनाई. लेकिन फिर वह बहुत ज्यादा एक्सपेरिमेंटल हो गए और उनके फैन्स निराश होने लगे. बॉलीवुड से दूर होकर रामू ने अमेरिकी पोर्न स्टार मिया मालकोवा के जीवन दर्शन के साथ अपनी फिलॉसफी मिलाते हुए सेक्स गॉड एंड ट्रुथ नाम से भी फिल्म बनाई.
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