आखिर क्यों बिछाई जाती है होटल रूम में सफेद चादर, अक्सर मन में आता होगा सवाल? आज जान लीजिए वजह
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आखिर क्यों बिछाई जाती है होटल रूम में सफेद चादर, अक्सर मन में आता होगा सवाल? आज जान लीजिए वजह

White Bed Sheet Use In Hotel: होटल में और ट्रेनों में सफेद रंग की चादर ही इस्तेमाल की जाती हैं. सभी के मन में ये सवाल आता है कि आखिर ऐसा क्यों? आज हम आपकी इस दुविधा करेंगे और बताएंगे कि यहां व्हाइट बेडशीट्स का इस्तेमाल क्यों किया जाता है...

आखिर क्यों बिछाई जाती है होटल रूम में सफेद चादर, अक्सर मन में आता होगा सवाल? आज जान लीजिए वजह

White Bed Sheet Use In Hotel: सभी छुट्टियों के दौरान अपनी पसंदीदा जगहों पर घूमने जाते हैं या लोग अपने ऑफिशियल काम से बाहर जाते हैं तो होटल में ठहरते हैं. होटल रूम की बुकिंग से पहले हमेशा यही कोशिश रहती हैं कि ऐसा होटल रूम बुक हो, जहां कमरा और बेडशीट बिल्कुल साफ-सुथरी हो. वहीं, होटल रूम में जाते ही जब करीने से सजा हुआ कमरा और बेड पर साफ सफेद चादर बिछी देख बहुत ही अच्छा फील होता है. कभी आपने सोचा है आखिर होटलों या ट्रेनों में सिर्फ सफेद रंग की चादरें ही क्यों इस्तेमाल की जाती हैं? 

​जानें क्यों यूज करते हैं सफेद रंग की चादर
दरअसल, होटल और ट्रेनों में इस्तेमाल की जाने वाली इन बेडशीट को साफ करने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल होता है. ब्लीचिंग की ये तकनीक कपड़े का रंग फीका कर सकती है, जिससे चादरों का रंग पहली वॉश में ही उड़ सकता है. जबकि, सफेद चादरे वैसी ही रहती हैं और आसानी से साफ भी हो जाती हैं. वहीं, ब्लीचिंग तकनीक से चादर धोने के बाद उनमें से कोई बदबू भी नहीं आती. यही वजह है होटलों और ट्रेनों में इस रंग की चादर का इस्तेमाल होता है।

ये भी हैं अहम कारण​
सफेद रंग को देखकर हम सभी का मन और दिमाग शांत हो जाता है. सफेद रंग तनाव को दूर रखता है.  इससे हमारे आसपास पॉजिटिव वाइब्स भी आती हैं. आप चाहे होटल में हो या फिर ट्रेन में सफेद रंग को देखकर आप रिलैक्स फील कर सकें, इसलिए सफेद बेडशीट दी जाती है. वहीं, इस पर दाग-धब्बे भी आसानी से दिख जाते हैं, जिस पर होटल और ट्रेन के कर्मचारियों की आसानी से नजर पड़ती है तो इसे क्लिन करने में ज्यादा वक्त नहीं लगता.

कलरफुल बेडशीट की भी हुई थी शुरुआत 
जानकारी के मुताबिक 1990 के दशक में होटलों में कलफुल बेडशीट्स के इस्तेमाल की शुरुआत हुई थी. इसका रखरखाव भी आसान था, लेकिन रंगीन चादरों में दाग-धब्बे समझ नहीं आते. इसके बाद से सफेद चादरों का ही इस्तेमाल होता है.

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