Torres Scam: जांच में पता चला कि कंपनी का CEO तौसीफ रेयाज केवल 10वीं फेल है. वह पहले आधार केंद्र का संचालन करता था और मुंबई के विरार का निवासी है. उसे यूक्रेनी मास्टरमाइंड्स ने कंपनी का प्रमुख बनाया था. फिलहाल CEO फरार है.
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Torres Ponzi scheme: पिछले कुछ समय से टॉरेस पोंजी स्कीम की चर्चा काफी है. आरोप है कि टॉरेस ने खुद को एक निवेश कंपनी बताकर ग्राहकों को ठगने की कोशिश की है. इस कंपनी के अधिकारी पैसे लेकर फरार होना चाहते थे. इसी कड़ी में मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा EOW ने खुलासा किया है कि टॉरेस निवेश धोखाधड़ी योजना के पीछे दो यूक्रेनी नागरिकों का हाथ है. इन नागरिकों के नाम विक्टोरिया कोवालेन्को और ओलेना स्टोयान हैं. इन्होंने ने ही कंपनी Platinum Hern Pvt Ltd के माध्यम से इस पोंजी स्कीम की योजना बनाई. दोनों आरोपी दिसंबर 2024 में देश छोड़कर भाग गए यह कहकर कि वे क्रिसमस की छुट्टी पर जा रहे हैं.
निवेशकों को भारी नुकसान
दरअसल, हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक टॉरेस ब्रांड के नाम पर मोइसैनाइट स्टोन्स और ज्वेलरी खरीदने की स्कीम चलाई गई थी, जिसमें 11% साप्ताहिक रिटर्न का वादा किया गया था. स्कीम के अनुसार एक साल में 400% का मुनाफा होने का दावा किया गया. निवेशकों ने लाखों रुपये लगाए, लेकिन उन्हें जो पेंडेंट दिए गए, वे नकली निकले. बीते दो महीनों से किश्तें आना बंद हो गईं, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया.
CEO निकला 10वीं फेल
इतना ही नहीं जांच में पता चला कि कंपनी का CEO तौसीफ रेयाज केवल 10वीं फेल है. वह पहले आधार केंद्र का संचालन करता था और मुंबई के विरार का निवासी है. उसे यूक्रेनी मास्टरमाइंड्स ने कंपनी का प्रमुख बनाया था. फिलहाल CEO फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
कर्मचारियों का विरोध और तोड़फोड़
जब टॉरेस के कर्मचारियों को समझ आया कि शीर्ष अधिकारी वापस नहीं लौटेंगे, तो उन्होंने मुंबई के तमाम शोरूम में तोड़फोड़ की. कंपनी के कर्मचारियों और प्रबंधन ने एक-दूसरे पर ग्राहकों को ठगने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए हैं.
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां
फिलहाल मामले में नवघर पुलिस ने इस मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें लक्ष्मी यादव सुपरवाइजर नितित लखवानी और मैनेजर काइजर खालिद शेख शामिल हैं. पुलिस ने Platinum Hern Pvt Ltd, इसके दो डायरेक्टर्स, CEO और अन्य कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
6 जनवरी 2025 को जब निवेशकों ने दादर और नवी मुंबई के शोरूम बंद देखे, तो वे परेशान होकर इकट्ठा हुए. उन्होंने शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई और अपनी जमा पूंजी वापस करने की मांग की. पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है.