Porsche Accident: नाबालिग की पोर्श कार की चपेट में आने से अनीश और अश्विनी की मौत हो गई थी. ये दोनों 24 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स थे. वहीं विपक्षी पार्टी के एक नेता ने कहा कि जब नाबालिग को पुलिस ने पकड़ लिया गया तो उसको पुलिस स्टेशन में खाने के लिए पिज्जा और बर्गर दिया गया था.
Trending Photos
Pune News: 2.5 करोड़ रुपये की पोर्श कार से रविवार को नशे में दो लोगों को उड़ाने वाले नाबालिग के मामले में गुरुवार को नया ट्विस्ट आया. पुलिस अब उन प्रोटोकॉल्स की खामियों की पड़ताल करेगी, जो हादसे के बाद अगले कुछ घंटों में हुई. इसमें आरोपी नाबालिग को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप भी शामिल है. 17 साल का आरोपी नाबालिग पुणे के एक नामी बिल्डर का बेटा है.
जानकारी के मुताबिक, एसीपी अश्विनी राख यरवदा पुलिस थाने के अफसर और स्टाफ से पूछताछ करेंगे, जहां सबसे पहले शिकायत दर्ज हुई थी.
आरोप है कि पहले राइट अप में घटना की भयावह प्रकृति को कम करके बताया गया और मेडिकल जांच में देरी की गई. मेडिकल जांच उसी वक्त इसलिए कराई जानी जरूरी थी ताकि लड़के के खून में शराब की मात्रा मालूम चल सके.
Officers at Yerawada police station spent more time questioning the relationship between Anish and Ashwini — the two IT professionals who were fatally knocked down by the drunk minor — while the accused was allegedly served burger and pizza.
This is how the system benefits the…
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) May 22, 2024
नाबालिग की पोर्श कार की चपेट में आने से अनीश और अश्विनी की मौत हो गई थी. ये दोनों 24 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स थे. वहीं विपक्षी पार्टी के एक नेता ने कहा कि जब नाबालिग को पुलिस ने पकड़ लिया गया तो उसको पुलिस स्टेशन में खाने के लिए पिज्जा और बर्गर दिया गया था.
प्रकाश अंबेडकर ने उठाए सवाल
यह दावा किया है वंचित बहुजन अघाड़ी के चीफ और दो बार के सांसद रह चुके प्रकाश अंबेडकर ने. उन्होंने एक्स पर कहा, 'यरवदा पुलिस थाने के अफसर अनीश और अश्विनी के रिलेशनशिप के बारे में ज्यादा पूछताछ कर रहे थे. जबकि आरोपी नाबालिग को कथित तौर पर बर्गर और पिज्जा दिया गया था.' उन्होंने इस दौरान 6 सवाल भी उठाए.
जो सवाल उन्होंने उठाए उनमें से एक यह भी था कि ब्लड एल्कोहल टेस्ट कराने में 8 घंटे की देरी क्यों की गई और लड़के को सीधे रिमांड होम क्यों नहीं भेजा गया.
जुवेनाइल बोर्ड को वापस लेना पड़ा आदेश
जनता का गुस्सा उस वक्त और बढ़ गया था जब जुवेनाइल बोर्ड ने 15 घंटे के भीतर ही नाबालिग को अजीबोगरीब शर्तों जैसे 7500 रुपये के दो बॉन्ड और सड़क हादसे पर 300 शब्दों का लेख लिखने को कहा था. लेकिन बुधवार को इस आदेश को वापस ले लिया गया और आरोपी को 5 जून तक रिमांड होम में भेज दिया गया.
फिलहाल लड़के पर नशे में गाड़ी चलाने का आरोप है, जिसमें पहली बार अपराध करने पर छह महीने की जेल और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर जुवेलाइन बोर्ड उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की इजाजत देता है तो उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाएगा.